Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रांची, 12 जुलाई (हि.स.)। कांके प्रखंड स्थित नगड़ी में कृषि योग्य भूमि पर रिम्स-दो के निर्माण से संबंधित प्रस्तावित योजना को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर शनिवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ आशा लकड़ा नगड़ी पहुंची और ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली।
मौके पर उन्होंने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वाीसन दिया और जल्द ही इससे संबंधित पक्षों को नोटिस भेजने की बात कही। मौके पर उन्होंने बताया कि नगड़ी के रैयतों ने उन्हें बताया था कि यह मामला संवेदनशील है। ग्रामीणों का कहना था कि जमीन के अलावा उनके पास खेती लायक कोई जमीन नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि कांके से नगड़ी की ओर पूर्व क्षेत्र में 202 एकड़ और पश्चिमी क्षेत्र में 25 एकड़ भूमि है। इस भूमि के मालिक लगभग 250 परिवार हैं।
आशा लकडा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोगों का जीवनयापन जल, जंगल और जमीन से जुड़ा है। जब जमीन ही खत्म हो जाएगी तो उनके पास जीविका का साधन खत्म हो जाएगा। उनकी जमीन ले ली गई तो उनके आय का स्रोत समाप्तो हो जाएगा। ऐसी स्थिति में उन्हेंए दूसरों के घर में नौकर बनना पडेगा।
आशा लकडा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वर्ष 2011 तक गांव वालों ने संबंधित जमीन का रसीद कटाया है। साल 2012 के बाद संबंधित जमीन की रसीद नहीं कटी है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत भी ग्रामीणों ने जमीन से संबंधित कागजात की मांग की थी। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारी से पूछा था कि उनकी जमीन का अधिग्रहण कब किया गया है।
वहीं संबंधित विभाग को भी जमीन अधिग्रहण से संबंधित कोई जानकारी ही नहीं है। आयोग की ओर से एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार, राष्ट्रपति और गृह विभाग को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से उन्हें संबंधित जमीन पर खेती करने से रोक लगा दी गई है। ग्रामीण भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से आदिवासी समाज के संरक्षण के लिए कार्रवाई की गई है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak