Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
एसडीएम संभल ने शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप के अलावा कल्कि मंदिर का किया निरीक्षण
संभल, 11 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद संभल में विवादित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बीती 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जिले पर शासन और प्रशासन मेहरबान है। प्रशासन ने शहर की धार्मिक और पर्यटन छवि को संवारने की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रहा है। सरकार की प्राथमिकता में अब संभल को नया धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना शामिल है। इसी कड़ी में कल्कि धाम और शंख माधव तीर्थ सहित कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करने की योजना तैयार की जा रही है। पर्यटन विभाग की ओर से वर्तमान में 7 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें तीन करोड़ रुपए कल्कि मंदिर के सौंदर्यकरण पर खर्च होंगे।
एसडीएम संभल विकास चंद्र ने शुक्रवार को संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों में से शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप के अलावा कल्कि मंदिर का निरीक्षण किया और योजनाओं का खाका तैयार कराया। एसडीएम ने कहा कि यह सिर्फ धार्मिक विकास नहीं बल्कि शहर की गरिमा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक ठोस पहल है। भगवान कल्कि मंदिर में भव्य परिक्रमा पथ, धार्मिक पेंटिंग्स, सुंदर गार्डन, श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था और भगवान कल्कि का भव्य घोड़ा स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना पर केवल कल्कि मंदिर के लिए 3 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग ने पूरे धार्मिक विकास प्रोजेक्ट के लिए 7 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। अब विभाग की ओर से सर्वे शुरू हो चुका है। आगामी एक माह के भीतर कार्य प्रारंभ होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बता दें कि संभल में बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल हुआ था। जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस घटना के बाद प्रशासन ने 14 दिसंबर को 46 साल से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवाया था, जबकि संभल के विलुप्त हो चुके तमाम तीर्थ स्थल, कुएं और कूपों को खोज निकालने की कार्रवाई की गई। संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों के अलावा 8 एएसआई संरक्षित स्मारकों को विकसित करने की दिशा में भी प्रशासन ने काम शुरू कर दिया। इसी कड़ी में अब पर्यटन विभाग की ओर से 7 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, जो तीर्थ स्थलों को विकसित करने पर लगाए जाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल