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जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-7 महानगर प्रथम ने मंदिर में रहकर देखरेख करने वाले व्यक्ति की हत्या करने वाले दो अभियुक्तों सुरेन्द्र सिंह और गोकुल मेहरा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर साठ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी रविबाला सिंह ने अपने आदेश में कहा कि भले ही घटना को कोई चश्मदीद गवाह नहीं है, लेकिन डीएनए रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्य से साबित है कि अभियुक्तों ने यह अपराध किया है। मौके पर मिले बाल का डीएनए अभियुक्त गोकुल से मैच हुआ है और दूसरे अभियुक्त के कब्जे से बरामद मोबाइल में घटनास्थल के फोटो मिले है। जिसमें मृतक रस्सी से बंधा हुआ है। परीक्षण में आया कि यह फोटो घटना की रात करीब तीन बजे लिए हुए थे।
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक भगवत गौड़ ने बताया की घटना को लेकर मृतक के बेटे राजेन्द्र सिंह ने 26 जनवरी, 2021 को सोडाला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसके पिता गिर्राज सिंह बीते 12 साल से मेहरा मंदिर की देखरेख कर रहे थे और मंदिर में बने कमरे में ही रहते थे। बीती रात वह उन्हें खाना देकर आया था। सुबह उसकी पत्नी के पास मोहल्ले से फोन आया कि पिताजी ने मंदिर का ताला नहीं खोला है। जब वह मौके पर पहुंचा तो उसके पिता के हाथ-पैर बंधे थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। जिसके चलते उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। दूसरी ओर अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि हत्या होते हुए किसी गवाह ने नहीं देखा है। ऐसे में पुलिस ने उन्हें जानबूझकर फंसाया है। दोनों पक्षों की बहस और डीएनए रिपोर्ट को देखते हुए अदालत ने दोनों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक