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नई दिल्ली, 11 जुलाई (हि.स.)। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तीन आरोपितों के खिलाफ 2019 में सरकारी संपत्ति को विरूपित करने के मामले में फोरेंसिक लेबोरेटरी के डायरेक्टर को फिर से तलब किया है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने फोरेंसिक लेबोरेटरी के डायरेक्टर को 29 जुलाई को कोर्ट में व्यक्तिगत रुप से पेश होने का निर्देश दिया।
आज फोरेंसिक लेबोरेटरी के डायरेक्टर को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वे सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट में उनके समन तामील होने की रिपोर्ट मिली, लेकिन जांच से संबंधित सीडी पर फोरेंसिक लेबोरेटरी की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं आयी, जिसके बाद कोर्ट ने दोबारा समन जारी किया।
दरअसल, 9 जून को जांच से संबंधित सीडी पर फोरेंसिक लेबोरेटरी की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं आने पर कोर्ट डायरेक्टर को तलब करने का आदेश दिया था। 23 मई को इस मामले के जांच अधिकारी और दक्षिणी द्वारका थाने के एसआई किशन चंद ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने जांच से संबंधित सीडी फोरेंसिक लेबोरेटरी को भेज दिया है। उसके बाद कोर्ट ने फोरेंसिक लेबोरेटरी के डायरेक्टर को सीडी से संबंधित रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल, पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की तत्कालीन पार्षद निकिता शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कोर्ट ने शिव कुमार सक्सेना की अर्जी पर 11 मार्च को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिव कुमार सक्सेना ने कोर्ट के समक्ष उन बड़े-बड़े बैनरों को दिखाया, जिसमें केजरीवाल, गुलाब सिंह और निकिता शर्मा के नाम लिखे हुए थे। कोर्ट ने कहा कि बड़े-बड़े बैनर लगाना न केवल सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित करने का मामला है, बल्कि ये ट्रैफिक के लिए भी समस्या बनता है। ये सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों का ध्यान भटकाता है, जिससे पैदल यात्रियों से लेकर वाहनों को सुरक्षा का खतरा बना रहता है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम