वाराणसी: गंगा का जलस्तर उफान पर, आरती स्थल चौथी बार बदला, हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में हो रहा शवदाह
वाराणसी, 11 जुलाई (हि.स.)। पहाड़ी क्षेत्रों में मूसलधार बारिश और बैराजों से छोड़े गए पानी के चलते गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को गंगा की लहरों ने वाराणसी के प्रमुख घाटों के संपर्क मार्गों को अपने आगोश में ले लिया, जिससे दशाश्व
छत पर गंगा सेवा निधि की आरती


छत पर गंगा सेवा निधि की आरती


वाराणसी, 11 जुलाई (हि.स.)। पहाड़ी क्षेत्रों में मूसलधार बारिश और बैराजों से छोड़े गए पानी के चलते गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को गंगा की लहरों ने वाराणसी के प्रमुख घाटों के संपर्क मार्गों को अपने आगोश में ले लिया, जिससे दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट समेत अधिकांश घाटों पर आवागमन बाधित हो गया है।

दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थल चौथी बार बदला गया है। निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की दैनिक आरती का स्थान आज चौथे दिन भी परिवर्तित किया गया। मां गंगा की नियमित आरती निधि के कार्यालय के छत पर संपन्न कराई गई। लगातार गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से गंगा आरती के स्थल में बदलाव हो रहा है। लगातार चार दिनों तक अलग-अलग स्थान पर आरती होने के बाद अब गंगा आरती निधि के कार्यालय की छत पर शुरू हुई है। दशाश्वमेध घाट पर सीमित जगह व श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो,इसलिए यह निर्णय लेना पड़ा।

—जलस्तर में प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की वृद्धि

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 65.70 मीटर दर्ज किया गया, जो लगातार औसतन दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में जलस्तर में 66 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। इससे सहायक नदी वरुणा में भी पलट प्रवाह शुरू हो गया है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

—घाटों का संपर्क टूटा, गलियों में शवदाह

गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण हरिश्चंद्र घाट के मुख्य भाग जलमग्न हो चुके हैं। शवदाह के लिए अब घाट किनारे के उपरी स्थल गलियों का सहारा लिया जा रहा है। वहीं, मणिकर्णिका घाट पर शवयात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। तीर्थ पुरोहितों और पंडों को अपनी चौकियों को ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा है।

—प्रशासन अलर्ट, नाव संचालन पर रोक

जलस्तर की गंभीर स्थिति को देखते हुए जल पुलिस, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। छोटी नावों,मोटर बोट के संचालन पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है। सावन माह के पहले दिन स्नान करने आए श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से सख्ती से रोका जा रहा है। नाविकों ने भी अपनी नावों को सुरक्षित स्थानों पर बांध दिया है।

हालांकि मैदानी इलाकों में फिलहाल बारिश नहीं हो रही है, लेकिन उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सभी घाटों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी