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जम्मू, 11 जुलाई (हि.स.)। वन महोत्सव के अवसर पर इंटेक जम्मू चैप्टर और जम्मू विश्वविद्यालय ने पंच परिवर्तन एनजीओ के सहयोग से एक विशेष वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया। यह आयोजन शहीद भगत सिंह बॉयज हॉस्टल, पुराने परिसर, जम्मू विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ, जिसमें अर्बन फॉरेस्ट्री डिवीजन और जम्मू नगर निगम के स्वच्छता, पुष्पसज्जा एवं स्वास्थ्य विभागों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. राजेश शर्मा, सहायक प्रोफेसर बौद्ध अध्ययन व वार्डन बॉयज हॉस्टल ने किया।
इस अवसर के मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. वैद, पूर्व पुलिस महानिदेशक, जम्मू-कश्मीर थे। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देते हुए गिंको बिलोबा पौधे का रोपण किया, जिसे जीवित जीवाश्म कहा जाता है और यह विश्व की सबसे प्राचीन जीवित वृक्ष प्रजातियों में शामिल है। वृक्षारोपण में सीता अशोक, टेकोमा, पंजतारा, चाइनीज रोज, आम, चिनार, सिल्वर ओक और टेम्पल ट्री जैसे विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए। प्रोफेसर ललित सेन, प्रोवोस्ट बॉयज हॉस्टल ने स्वागत भाषण में पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता और वनस्पतियों की पारिस्थितिकीय संतुलन में भूमिका को रेखांकित किया।
डॉ. वैद ने कहा कि प्रत्येक नागरिक यदि वर्ष में कम से कम पाँच पौधे लगाए, तो लाखों-करोड़ों नए पेड़ देश में जुड़ सकते हैं। उन्होंने पर्यावरणीय क्षरण के विरुद्ध जनसहभागिता को समय की आवश्यकता बताया। अन्य वक्ताओं में ओ.पी. शर्मा ने वृक्षों के औषधीय और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि प्रो. अनिल रैना ने वनों के क्षरण और इसके दुष्प्रभावों पर चर्चा की। वहीं भारती वैद ने वृक्षारोपण अभियानों को जन आंदोलन में बदलने का आह्वान किया। एस.एम. साहनी, संयोजक इंटेक जम्मू चैप्टर ने कहा कि जम्मू ने विगत वर्षों में हरियाली की भारी कीमत पर शहरीकरण किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा