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रांची, 11 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय सरना समिति की ओर से शुक्रवार को हातमा स्थित सरना टोली के सामुदायिक भवन में बैठक की गई।
बैठक में सभी सरना धर्ववलंबियों ने पेसा कानून अधिनियम 1996 को लागू कराने की मांग को लेकर एकजुटता व्यक्त की गई।
मौके पर मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि पेसा कानून लागू होने से जनजातीय ग्राम सभाओं को विशेष अधिकार मिलेगा। इससे न केवल जल, जंगल, जमीन की रक्षा होगी, बल्कि भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं को आगे बढ़ाने का भी मौका मिलेगा। उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि पेसा कानून को अविलंब धरातल पर उतारने की दिशा में ठोस कार्रवाई की जाए।
इस दौरान केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने बताया कि पेसा कानून लागू कराने के लिए गुमला जिले के लिटा टोली, बाबा कार्तिक उरांव के जन्मस्थल से पदयात्रा शुरू की गई है। निशा भगत की अगुवाई में पारंपरिक विधि-विधान के साथ यह पदयात्रा सिसई, भरनो, बेड़ो, कटहल मोड़ होते हुए 14 जुलाई को राजभवन पहुंचेगी। इसके बाद प्रदर्शन किया जाएगा और राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा जाएगा।
कार्यक्रम में आदिवासी मूलवासी मंच, छोटा नागपुर सरना समिति नामकुम, वीर बिरसा स्मारक समिति बनीया टोली, हेदलहातू सरना समिति, सराई टांड़ सरना समिति, हड़गड़ी मसना समिति हातमा सहित कई संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य शामिल होंगे।
बैठक में बबलू मुंडा, महादेव टोप्पो, सुरज टोप्पो, नकुल तिर्की, बिरसा पहान, शिवधन मुंडा, रांजन मुंडा, मुन्ना हेमरोम, अशोक मुंडा सहित अन्य मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar