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जम्मू, 11 जुलाई (हि.स.)। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री बाली भगत ने एक प्रेस बयान जारी कर नेशनल कांफ्रेंस व अन्य कश्मीर-आधारित राजनीतिक दलों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे बार-बार 13 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाकर एक खतरनाक और विभाजनकारी एजेंडा को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं जिसे जम्मू-कश्मीर की जनता पहले ही नकार चुकी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 13 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाना ऐतिहासिक रूप से भ्रामक और राजनीतिक रूप से खतरनाक है। उस दिन मारे गए लोग कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि वैध डोगरा शासन पर हमला करने वाले उपद्रवी थे। उन्हें शहीद कहना देश के असली नायकों का अपमान है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस अवकाश को समाप्त करना सरकार का एक सोच-समझकर लिया गया सही फैसला था। जो लोग इस छुट्टी की बहाली की मांग कर रहे हैं, वे एकजुट और शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर की अवधारणा से असहज हैं। उनके इरादे संदेहास्पद हैं और उनकी सोच अब भी अलगाववाद से जुड़ी मानसिकता को दर्शाती है। बाली भगत ने आगे कहा कि आज का युवा विकास, रोजगार और समृद्धि चाहता है, न कि पुरानी नफरतों का बोझ। नेकां और उसके सहयोगी जनता को गुमराह करना बंद करें। जम्मू-कश्मीर अब शांति और प्रगति की राह पर है और इस तरह की प्रतीकात्मक उकसावेबाज़ी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा