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धर्मशाला, 11 जुलाई (हि.स.)। जिला कांगड़ा के पालपमुर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत बंदला की वर्ष 2005 की तत्कालीन प्रधान सुदर्शना देवी को राजीव आवास योजना के तहत गलत आंबटन पर न्यायालय ने कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन्हें 50 हज़ार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। त
त्कालीन ग्राम पंचायत प्रधान को विभिन्न धाराओं में सात मामलों में दोषी करार दिया गया है, जिसमें उन्हें एक साल से लेकर छह माह-तीन माह की अलग-अलग सजाए सुनाई गई हैं। जिसमें जुमार्ना भी चार मामलों में पांच-पांच हज़ार व तीन मामलों में 10-10 हज़ार सुनाया गया है। इसके तहत उक्त तत्तकालीन प्रधान को जुर्माने की राशि अदा न करने पर एक माह से लेकर 15 दिनों का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। साथ ही बंदला पंचायत की ही एक महिला को किसी अन्य आईआरडीपी के कार्ड पर गलत तरीके से आवास योजना के तहत मिले 27 हज़ार 500 रुपए की एवज में महिला इछा देवी को सवा दो साल की कारासवास की सजा व 25 हज़ार ज़ुर्माना लगाया गया है। उक्त महिला को भी चार विभिन्न मामलों में अलग-अगल दोषी पाया गया है, जिसमें उन्हें दो मामलों में पांच-पांच व दो में 10-10 हज़ार रुपए जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही उक्त दोषी महिला को भी जुर्माने की राशि अदा न करने पर एक माह व 15-15 दिनों का अलग-अलग मामलों में अतिरिक्त कारावास काटना होगा। उक्त दोनों ही महिलाओं की सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। विशेष न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-एक कांगड़ा स्थित धर्मशाला राजेश चौहान की अदालत ने अभियुक्तों इछा देवी पत्नी ओम प्रकाश गांव नछीर
मामले की जानकारी देते हुए स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो के डिस्ट्रिक आर्टोनी देवेंद्र चौधरी ने बताया कि शिकायतकर्ता त्रिलोक चंद निवासी बंदला तहसील पालमपुर जिला कांगड़ा ने पुलिस अधीक्षक, प्रवर्तन धर्मशाला को 24 नवंबर 2005 को लिखित शिकायत दी थी कि वह आईआरडीपी परिवार से संबंधित है और उसके आईआरडीपी नंबर का उपयोग ग्राम पंचायत बंदला की प्रधान सुदर्शना देवी, इछा देवी और ग्राम पंचायत सचिव धर्म चंद द्वारा आपराधिक षड्यंत्र रचकर किया जा रहा था।
पंचायत के उक्त प्रस्ताव को तत्कालीन एसईबीपीओ रतन चंद बीडीओ कार्यालय भवारना द्वारा सत्यापित नहीं किया गया था और आईआरडीपी की सूची के साथ उसका नाम मिलान किए बिना इछा देवी के घर के निर्माण के लिए पंचायत की ओर से 27 हज़ार 500 रुपए जारी किए गए थे। मामले की जांच के दौरान रत्न चंद एसईबीपीओ की मृत्यु हो गई और एसवी और एसीबी धर्मशाला के पुलिस स्टेशन ने आरोपी व्यक्ति अर्थात इछा देवी और सुदर्शना देवी और धर्म चंद के खिलाफ चालान तैयार किया और पेश किया।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त धर्म चंद की भी मृत्यु हो गई और शेष अभियुक्तों, इछा देवी और तत्कालीन ग्राम पंचायत प्रधान सुदर्शना देवी को उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया और उक्त सजा सुनाई गई।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया