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मुरादाबाद, 11 जुलाई (हि.स.)। जितना मांस अपराधी है, उतनी ही शराब भी अपराधी है। दोनों से कांवड़ की पवित्रता भंग होती है। उन्होंने मांस के साथ शराब बिक्री पर भी रोक लगाने की मांग की है। यह बातें शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहीं।
पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने श्रावण माह में कांवड़ यात्रा मार्गों पर शराब की बिक्री को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मांग की है कि अगर कांवड़ मार्ग पर मांस की दुकानें बंद की जा रही हैं, तो शराब की बिक्री पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
डॉ. एसटी हसन ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया, शराब की दुकानों को सिर्फ ढकने का आदेश दिया है। लेकिन शराब की बिक्री जारी रहेगी। उन्होंने इसे असमानता और भेदभाव वाला फैसला करार देते हुए सरकार पर राजस्व के लिए जनता के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
डॉ हसन ने तर्क दिया कि सावन के पवित्र महीने में हिंदू भाई शराब का सेवन नहीं करते और इसे अपनी पूजा के लिए अशुद्ध मानते हैं, फिर भी सरकार शराब की बिक्री को जारी रख रही है। क्योंकि इससे बड़ा राजस्व प्राप्त होता है। अगर मांस की दुकानें बंद हो सकती हैं, तो शराब की दुकानें क्यों नहीं।
डॉ. एसटी हसन ने आगे कहा कि अगर शराब की दुकानों को पर्दे के पीछे संचालित करने की अनुमति है, तो मांस की दुकानों और नॉन-वेज होटलों को भी यही सुविधा दी जानी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि मांस की दुकानें और नॉन-वेज होटल चलाने वाले गरीब लोग अपनी आजीविका के लिए इन पर निर्भर हैं इन दुकानों को बंद करना उनके लिए अन्याय है या तो दोनों पर पूरी तरह रोक लगे, या दोनों को पर्दे के पीछे बिक्री की अनुमति दी जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल