Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
शिमला, 11 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के चालक-परिचालकों ने सरकार और निगम प्रबंधन को 31 जुलाई तक का अल्टीमेटम देते हुए साफ कर दिया है कि अगर उनकी लंबित मांगें नहीं मानी गईं, तो 1 अगस्त से वे रोजाना सिर्फ आठ घंटे ही काम करेंगे। इसके बाद सभी बसें खड़ी कर दी जाएंगी, जिससे प्रदेश भर में बस सेवा ठप पड़ने की आशंका है।
चालक यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि निगम प्रबंधन के साथ प्रस्तावित वार्ता भी टल गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और प्रबंधन पिछले कई महीनों से सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि चालक-परिचालकों का 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नाइट ओवरटाइम भुगतान अब तक लंबित है। मुख्यमंत्री ने खुद मंच से भुगतान की घोषणा की थी, मगर अभी तक एक रुपया भी नहीं मिला है।
मान सिंह ठाकुर ने बताया कि कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा। इस बार भी 10 तारीख को सैलरी मिली, जबकि सामान्य तौर पर महीने की पहली तारीख को वेतन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बार-बार वादाखिलाफी और लगातार शोषण के चलते कर्मचारियों का सब्र अब टूट चुका है।
यूनियन ने सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर 31 जुलाई तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो 1 अगस्त से प्रदेश भर में एचआरटीसी की बसें सिर्फ आठ घंटे चलेंगी। इसके बाद ड्राइवर-परिचालक गाड़ियों को डिपो में खड़ा कर देंगे।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में लंबित नाइट ओवरटाइम का भुगतान, समय पर वेतन वितरण और उचित कामकाजी समय तय करना शामिल है। यूनियन का कहना है कि मौजूदा समय में ड्राइवर-परिचालकों से रोजाना 12 से 14 घंटे तक काम करवाया जा रहा है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक शोषण हो रहा है।
मान सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में कर्मचारियों के हितों के प्रति गंभीर है, तो 31 जुलाई से पहले सारी लंबित मांगों को पूरा करे। अन्यथा यूनियन अपने फैसले पर अडिग रहेगी और 1 अगस्त से पूरे प्रदेश में सिर्फ 8 घंटे की ही ड्यूटी की जाएगी चाहे बसें कहीं भी खड़ी हों।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा