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चंडीगढ़, 11 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा सरकार प्रदेश में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा जन विश्वास विधेयक लाने जा रही है। यह विधेयक न केवल छोटे-मोटे अपराधों को अपराध-मुक्त बनाएगा, बल्कि रेगुलेटरी अड़चनों को दूर कर विभागीय कंप्लायंस का बोझ भी कम करेगा। कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में हुई बैठक में शुक्रवार को हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस विधेयक और संबंधित सुधारों की जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि यह पहल राज्य में व्यवसाय-अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हरियाणा के मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में विनियमन को सरल बनाया जाए, अनुपालन का बोझ घटे और छोटे अपराधों को अपराध-मुक्त कर कारोबारी सहुलियत बढ़ाई जाए। इससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार करना और आसान होगा। इसके तहत 36 पुराने एक्ट समाप्त किए जाएंगे और छोटे अपराधों को खत्म किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का दृष्टिकोण समग्र है। चाहे औद्योगिक स्वीकृतियों को सुव्यवस्थित करना हो, भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण हो या भवन बिल्डिंग कोड को सरल बनाना हो, हर उपाय का मकसद निवेशकों का भरोसा बढ़ाना और उद्यम को सहायता देना है। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक दशक में, हरियाणा ने तीन प्रमुख विभागों में 36 पुराने अधिनियमों को निरस्त किया है और 37 छोटे आपराधिक प्रावधानों को हटाया है। इस सुधार की अगुआई कर रहे उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने 37 विभागों के 230 से अधिक अधिनियमों की समीक्षा शुरू की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा