आपदा प्रभावित क्षेत्रों में 24 स्वास्थ्य टीमों ने की 18 हजार लोगों की स्क्रीनिंग, 5 हजार को दी दवाइयां
मंडी, 11 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिला में बादल फटने से आई प्राकृतिक आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की स्वास्थ्य जांच सहित अन्य सेवाएं प्रदान करने में निरंतर कार्य कर रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिपाली शर्मा ने बताया कि वि
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिपाली शर्मा।


मंडी, 11 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिला में बादल फटने से आई प्राकृतिक आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की स्वास्थ्य जांच सहित अन्य सेवाएं प्रदान करने में निरंतर कार्य कर रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिपाली शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 18 हजार से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है और 5 हजार से अधिक जरूरतमंदों को आवश्यक दवाइयां प्रदान की गई हैं।

उन्होंने बताया कि आपदा के तुरंत बाद 24 मेडिकल टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया, जिनमें से 10 टीमें थुनाग और 10 टीमें जंजैहली क्षेत्र में सेवाएं दे रही हैं। विभाग ने विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया है। जहां भी किसी मरीज ने विशेष दवा की मांग की, विभाग ने वह दवा उनके घर तक पहुंचाने का कार्य भी सुनिश्चित किया।

डॉ. शर्मा ने कहा कि वर्तमान में विभाग की प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं की शीघ्र बहाली है, ताकि लोगों को नियमित उपचार में किसी प्रकार की बाधा न आए। जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए विभाग ने सराज क्षेत्र में 30 हजार क्लोरीन की गोलियां वितरित की हैं, जिन्हें घर-घर पहुंचाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि आपदा में विभाग तीन स्तरों पर कार्य कर रहा है। एक ओर लोगों को स्वच्छ पेयजल के सेवन के दृष्टिगत क्लोरीन गोलियां दी जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर बीपी, शुगर और अन्य रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को नियमित रूप से दवाइयां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके साथ ही मानसिक और सामाजिक सहयोग के रूप में प्रभावित लोगों को परामर्श, साहस और भरोसा भी दिया जा रहा है, ताकि वे इस कठिन समय में मानसिक रूप से मजबूत बने रहें। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जुलाई माह में जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी संभावित थी, उन्हें समय रहते प्रशासन के सहयोग से क्षेत्रीय अस्पताल मंडी और मेडिकल कॉलेज नेरचौक पहुंचाया गया, जिससे संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जा सके।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा