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नई दिल्ली, 11 जुलाई (हि.स.)। उत्तर बंगाल और बिहार को जोड़ने वाले अलुआबाड़ी–ठाकुरगंज रेलखंड के दोहरीकरण परियोजना को रेल मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है। लगभग 342.7 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना 19.95 किमी लंबे इस मार्ग पर आगामी तीन वर्षों में पूरी की जाएगी। इसका उद्देश्य रेल यातायात की क्षमता बढ़ाना और सीमावर्ती व रणनीतिक क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाना है।
रेल मंत्रालय की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक यह रेलखंड उत्तर दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल) और किशनगंज (बिहार) जिलों से होकर गुजरेगा। दोहरीकरण परियोजना के तहत कुल चार स्टेशन अलुआबाड़ी रोड जंक्शन, पोठिया, तैयबपुर और ठाकुरगंज जंक्शन को शामिल किया गया है। इसमें 9 बड़े और 6 छोटे पुल, 8 अंडरपास, 25 टन लोडिंग मानक, 1x25 केवी विद्युतीकरण तथा 130 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति सीमा तय की गई है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक ‘कवच’ सिग्नलिंग प्रणाली भी लगाई जाएगी।
यह परियोजना पूर्वोत्तर भारत के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सीमावर्ती इलाकों में रक्षा बलों और आपूर्ति तंत्र की तेज़ आवाजाही को यह नया रेल मार्ग सुनिश्चित करेगा। साथ ही, यह मार्ग दार्जिलिंग जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक बेहतर और निर्बाध पहुंच भी प्रदान करेगा, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
परियोजना से माल ढुलाई में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान है। पहले वर्ष में 0.296 मिलियन टन, छठे वर्ष में 0.348 मिलियन टन और 11वें वर्ष में 0.408 मिलियन टन माल परिवहन की संभावना जताई गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार