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रामगढ़, 11 जुलाई (हि.स.)।
रामगढ़ और हजारीबाग जिले में वाम दल का झंडा बुलंद करने वाले मिथिलेश सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। रामगढ़ के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे 71 वर्ष के थे और एके रॉय के अनुयायी और वामपंथी विचारधारा के प्रबल समर्थक थे। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) की झारखंड राज्य कमेटी ने अपने अध्यक्ष और सीटू के पूर्व अखिल भारतीय जनरल काउंसिल सदस्य मिथिलेश सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
वामपंथी विचारधारा के थे प्रबल समर्थक
मिथिलेश सिंह कम उम्र में ही ट्रेड यूनियन आंदोलन में शामिल हो गए थे और वामपंथी विचारधारा के प्रबल समर्थक थे। वे एके रॉय के अनुयायी थे। उन्होंने अविभाजित बिहार विशेष रूप से वर्तमान उत्तरी छोटानागपुर के बड़े क्षेत्रों में, कोयला श्रमिकों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों के असंगठित श्रमिकों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अस्वस्थता के बावजूद ट्रेड यूनियन आंदोलन में रहे सक्रिय
मिथिलेश सिंह अस्वस्थता के बावजूद ट्रेड यूनियन आंदोलन में तब तक सक्रिय रहे जब तक कि वे गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ गए। इनके निधन से ट्रेड यूनियन ने एक वरिष्ठ, लोकप्रिय, अग्रिम पंक्ति के अनुभवी नेता को खो दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश