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हरदा, 11 जुलाई (हि.स.)। हरदा जिले के आदिवासी बाहुल्य टिमरनी ब्लॉक अंतर्गत कॉलेज में पढ़ने वाली अनुसूचित जाति जन जाति की लड़कियों के लिए छात्रावास की सुविधा नहीं है। जिसके कारण किराये के मकान में रहकर उच्च शिक्षा की पढ़ाई करनी पड़ रही है। जयस शिक्षा प्रभरी रोहित कुमरे ने कहा कि गरीब और निर्धन आदिवासी दो से ढाई हजार रुपये में किराये से कमरे लेकर पढ़ने को मजबूर हैं। किराया देने में काफी दिक्कत होती है। खेती मजदूरी करके पालक बच्चों को पढ़ाते हैं। छात्रावास की सुविधा नहीं होने के कारण 12वीं उत्तीर्ण होने के बाद होशियार लड़कियां तो पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं। उच्च शिक्षा लेने की इच्छा तो रहती है किंतु किराया भड़ा सहित अन्य खर्चे को लेकर पढ़ाई करने की जो मन बनाती है उसको पीछे हटाना पड़ता है।
लंबे समय से हो रही मांग -
टिमरनी में पोस्ट मैट्रिक एससीएसटी छात्रावास खोलने की लंबे समय से मांग की जा रही है और कई दफे आश्वासन भी मिला किंतु उसे पर अमल नहीं किया गया जिसके कारण यह समस्या आज ही बनी हुई है। छात्रावास में रहने में किराया-भड़ा नहीं लगता है। कम खर्चे में आवास सुविधा और ट्यूशन आदि की सुविधा मिल जाती है। जिसके कारण गरीब पालकों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है। आसानी से पढ़ाई कर अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकती हैं।
पढ़ाई के साथ खेलने में आगे -
आदिवासी क्षेत्र में तमाम प्रतिभएं छिपी हुई है। कबड्डी, खोखो, वॉलीबॉल, फुटबॉल आदि आउटडोर, इंडोर खेल में यहां लड़कियां आगे है। राज्य और राष्ट्रीय खेलों में भग लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन करके अपना तथा जिले का नाम रोशन कर चुकी है। बावजूद इसके छात्रावास खोलने में अनदेखी की जा रही है। जिसके कारण आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है ।
छात्रावास खुलने से पढ़ाई नहीं छोड़ेगी लड़कियां -
कचनार निवासी छात्रा ने बताया कि छात्रावास खुलने से पढ़ाई में मदद मिलेगी। आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा। रंजना अनुसूईया कायदा और बोरपानी की निवासी है। कॉलेज में पढ़ने के लिए टिमरनी में किराये से कमरा लेना पड़ता है। दो ढाई हजार रुपये तक किराया लगता है। जिसको देना •ाारी पड़ता है। पिताजी कर्ज लेकर कभी-कभी किराया देते हैं। मजदूरी का काम नियमित नहीं मिल पाता है। जिसके कारण तमाम दिक्कतें होती है। जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण यह समस्या लंबे समय से विद्यमान है।
छात्रावास से पढ़ाई का स्तर और बेहतर होगा -
छात्रावास खुलने से उच्च शिक्षा में पढ़ाई के स्तर में और बेहतर सुधार होगा। यह आवश्यकता सभी महसूस कर रहे हैं। इसलिए मांग की गई फिर भी उस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नवागत जिला कलेक्टर सिद्धार्थ जैन, विधायक, सांसद से मांग की गई है कि कॉलेज में छात्रावास की समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्यवाही की जाये।
विधायक, डॉ. आर.के. दोगने, का कहना है कि छात्रावास खुलवाने के संबंध में लगातार मांग की जा रही है, फिर भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है जो बेहद दुर्ग्यभा पूर्ण है ।विधानसभा सत्र के दौरान इस ज्वलन्त समस्या को उठाया जाएगा और कॉलेज की लड़कियों को छात्रावास की सुविधा दिलाने का प्रयास जारी रहेगा ।
हरदा जिला कलेक्टर, सिद्धार्थ जैन, का कहना है कि टिमरनी तहसील मुख्यालय में कॉलेज की लड़कियों को छात्रावास की सुविधा दिलाने की पहल की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Pramod Somani