मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन में समर्पण कांवड यात्रा में हुए सम्मिलित
उज्जैन, 11 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शुक्रवार को उज्जैन त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर पर श्री पंच अग्नि अखाडा के महामंण्डलेश्वर संत उत्तम स्वामी महाराज के सानिध्य में आयोजित समर्पण कांवड यात्रा में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ य
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन में समर्पण कांवड यात्रा में हुए सम्मिलित


उज्जैन, 11 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शुक्रवार को उज्जैन त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर पर श्री पंच अग्नि अखाडा के महामंण्डलेश्वर संत उत्तम स्वामी महाराज के सानिध्य में आयोजित समर्पण कांवड यात्रा में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रदेश में सभी कांवड यात्रियों की सुरक्षा के लिए अनुकूल व्यवस्था की जा रही है । उनके भोजन और रुकने की व्यवस्था के इंतजाम भी व्यापक स्तर पर करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू संस्कृति में सभी त्योहार,उत्सवों को उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके साथ अब प्रदेश में सभी जगह पर कांवड यात्रियों की सुविधाओं के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि संत जनों और ईश्वर के आशीर्वाद से उज्जैन की सिंहस्थ 2028 की तैयारी तेजी से चल रही है। हमारी तैयारी ऐसी है कि सिंहस्थ 2028 के बाद यदि हर वर्ष भी सिंहस्थ जैसे आयोजन उज्जैन नगरी में किए जाए तो भी हमें किसी प्रकार की समस्या नही आयेगी। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 में संतो के स्थाई आश्रम और अन्य व्यवस्थाओं के लिए सिंहस्थ आध्यात्मिक सिटी का भी निर्माण किया जा रहा है। जिससे हजारों लोग उज्जैन में रुकना चाहे तो उनकी व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

महामंडलेश्वर संत उत्तम स्वामी के आशीर्वाद और नेतृत्व में आयोजित हो रही कावड़ यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कावंड का पूजन कर कांवड उठाई और संत श्री के साथ पैदल चल कांवड यात्रा शुरू कराई| उल्लेखनीय है कि समर्पण कांवड यात्रा का आयोजन हर वर्ष अग्नि आखाड़ा के महामंडलेश्वर सन्त उत्तम स्वामी जी के आशीर्वाद से आयोजित होती है|

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांवड यात्रियों को संबोधित कर कहा की दुनिया मे कई संस्कृतियां है लेकिन कोई भी देश अपने शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व जल को साक्षी मानकर कोई संकल्प नहीं लेता है भारतीय परम्परा और हिंदु संस्कृति में आम नागरिक, ग्रामीण और शहरी जन जल को साक्षी मानकर संकल्प लेते हैं।

भारतवर्ष में जल ही जीवन की संस्कृति को सदैव से जीवन में अपनाया गया है। भारतीय संस्कृति में जल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है जीवन के सभी पहलुओं में जल का महत्व है। इसी कारण पवित्र भाव से सावन मास में कठिन यात्रा कर शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाता है।

कांवड यात्रा मे विधायक द्वय अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संजय अग्रवाल, राजेंद्र भारती, तपन भौमिक और अन्य संतजन बड़ी संख्या में उपस्थित हुए |

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल