फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रिटायरमेंट के दो साल बाद भी कर रहे थे सीएमओ नौकरी, शासन ने किया एकतरफा रिटायर होगी कार्यवाही
2023 मे होना था रिटायर, रिकार्ड मे हेराफेरी कर सीएमओ दिनेश तिवारी कर रहे थे नौकरी। 2. अमानगंज स्थानांतरण के बाद हुआ खुलासा बिना ज्वाइनिंग हो गई कार्यवाही। 3. संचालनालय के मांगने के बावजूद नहीं दिये अपने दस्तावेज। 4. 2023 की बजाय हेराफेरी कर 2029 मे र
सीएमओ दिनेश तिवारी


पन्‍ना, 11 जुलाई (हि.स.)।

पन्ना नगर के मूल निवासी तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों में सीएमओ पद पर पदस्थ रहे दिनेश तिवारी, जिनकी अधिकांश नौकरी पन्ना एवं छतरपुर मे बीती। इसके अलावा निकायों मे भी वे पदस्थ रहे हैं। हाल ही उनका छतरपुर जिले की राजनगर परिषद से पन्ना जिले की अमानगंज नगर परिषद मे सीएमओ पद पर पदस्थापना मध्यप्रदेश शासन द्वारा की गई थी, लेकिन इसी बीच सीएमओ तिवारी का फर्जीवाड़ा उनके आधार कार्ड एवं पेनकार्ड मे अंकित जन्मतिथि से उजागर हो गया। जिसके आधार पर उनको 2023 में ही रिटायर हो जाना चाहिए था। इसके बाद तत्काल संचालनालय नगरी मप्र भोपाल द्वारा उनसे जन्मतिथि के सत्यापन हेतु आवश्यक दस्तावेज आधार, पेन कार्ड एवं हाई स्कूल की अंकसूची आदि मांगी गई। लेकिन उन्होंने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये और न ही उन्होंने नगर परिषद अमानगंज मे ज्वाइन किया। जिससे पोर्टल मे उपलब्ध पेन कार्ड एवं आधार कार्ड की जन्म तिथि के आधार पर संचालनालय नगरीय प्रशासन ने तत्काल उन्हें सागर ज्वाइंट डायरेक्टर के यहां अटैच कर दिया और उनकी सेवानिवृत्ति के आदेश भी जारी कर दिये।

ज्ञात हो कि

राजनगर नगर परिषद में पदस्थ रहे सीएमओ दिनेश तिवारी का स्थानांतरण बीते 17 जून को पना जिले के अमानगंज नगर परिषद में किया गया था। जिसके बाद उन्हें राजनगर नगर परिषद से रिलीव कर दिया गया। लेकिन अमानगंज नगर परिषद में ज्वाइन करने से पहले ही उनके ऊपर विभागीय कार्रवाई कर दी गई। उनके ऊपर भ्रामक जानकारी देकर नौकरी करने के आरोप लगे थे। जिसमें जांच के बाद सत्यता पाए जाने पर उन्हें सागर जेडी कार्यालय में अटैच कर दिया गया है और मामले की जांच चल रही है। सीएमओ दिनेश तिवारी के आधार कार्ड और पैन कार्ड में 17 नवम्बर 1961 जन्म तिथि अंकित है। जिसके आधार पर उनका रिटायरमेंट 2023 में हो जाना चाहिए।

1980 मे छतरपुर जिले मे पहली पदस्थापना हुई थीः- जानकारी के अनुसार दिनेश तिवारी ने सन 1980 के पहले नगर सुधार न्यास छतरपुर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर ज्वाइन किया था। लेकिन कुछ वर्षों बाद विभाग बंद हो जाने के कारण इनका संविलियन नगरीय निकाय में कर दिया गया। इसके बाद वह छतरपुर, पत्रा, राजनगर सहित अन्य नगरीय निकायों में सीएमओ के पद पर पदस्थ रहे हैं। सीएमओ दिनेश तिवारी के दस्तावेजों के अनुसार उन्हें वर्ष 2023 में रिटायरमेंट हो जाना चाहिए। लेकिन इसके बाद भी वह राजनगर और छतरपुर नगरीय निकाय में पदस्थ रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने करोड़ों रुपए के भुगतान भी कर डाले। अपर आयुक्त ने कार्रवाई कर सीएमओ दिनेश तिवारी को सेवानिवृत्त करते हुए उनके द्वारा सेवानिवृत्ति तिथि के बाद प्राप्त की गई परिलब्धियों की वसूली और अनुशासनात्मक कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित किया है। वहीं कार्यालयीन अभिलेख के आधार पर सीएमओ दिनेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर संभाग में अटैच किया गया। एडवोकेट दिनेश प्रजापति ने बताया कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, लोक रजिस्टर में छेड़छाड़ करने और उनका उपयोग करने पर बीएनएस की धाराएं 336 (1), 335, 337, 340 (2), 238, 228, 229,344 के तहत संबंधित पर कार्रवाई की जा सकती है। जिसमें 10 हजार रुपए से अधिक जुर्माना और 7 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान हैं।

जेडी कार्यालय में नहीं उपलब्ध कराए दस्तावेजः- शिकायत के आधार पर जेडी कार्यालय सागर के द्वारा सीएमओ दिनेश तिवारी से जन्मतिथि के सत्यापन के लिए हाईस्कूल, हायर सेकंडरी से संबंधित अंकसूची, पैनकार्ड और आधार कार्ड की छायाप्रति मांगी गई। लेकिन उनके द्वारा कोई छायाप्रति कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके बाद ई नगर पालिका पोर्टल संचालन में लगने वाले सीएमओ के दस्तावेजों के आधार पर जांच की गई। पोर्टल में संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के जन्मतिथि सहित अन्य विवरण संबंधित निकाय द्वारा अंकित किए जाते हैं। जिसके अनुसार सीएमओ की जन्मतिथि 17 नवम्बर 1961 पाई गई।

क्या कहते हैं अधिकारीः- दस्तावेजों में गड़बड़ी की सूचना मिलने पर वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए, जांच करने के लिए कहा है। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। फिलहाल उन्हें राजनगर नगर परिषद् से रिलीव कर दिया गया था।

साजिदा कुरेशी, पीओ डूडा छतरपुर।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुरेश पांडे