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जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में कहा है कि राज्य सरकार भर्ती को लेकर दोहरा मापदंड नहीं अपना सकती। एक तरफ तो अदालत में कह रही है कि मामले की जांच चल रही है और अभी भर्ती रद्द करने का निर्णय लेना जल्दबाजी होगी। वहीं दूसरी ओर पेपर लीक में आरपीएससी सदस्य और कोचिंग माफिया की मिलीभगत मान रही है। एसओजी पहले कहती है कि भर्ती में दोषी और निर्दोष की पहचान मुश्किल है, लेकिन अब दोषियों को अलग छांटने की बात कही जा रही है। अदालत ने कहा कि यदि जरूरत पडी तो हम एक बार फिर एसआईटी के मुखिया वीके सिंह को बुलाकर जानकारी मांग सकते हैं। इसके साथ ही अदालत ने मामले में की सुनवाई 14 जुलाई को रखी है।
सुनवाई के दौरान शुक्रवार को चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एके शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने तथ्यों को छुपाकर याचिका लगाई है और सिफारिशों के आधार पर भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री स्तर पर भर्ती रद्द नहीं करने के निर्णय को चुनौती नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि मामले में एसओजी ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन एसआईटी के मुखिया भर्ती रद्द करने की सिफारिश देने के लिए अधिकृत ही नहीं थे। याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति के लिए कोर्ट का सहारा लिया है। पहले याचिका दायर की और फिर उसे वापस लेकर नई याचिका पेश कर दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक