जम्मू संभाग में सक्रिय 40 से 50 आतंकवादियों का पता लगाने के उद्देश्य से प्रमुख जिलों के ऊपरी इलाकों में आतंकरोधी अभियान जारी
जम्मू, 11 जुलाई (हि.स.)। जम्मू संभाग के अंदरूनी इलाकों और सीमाओं पर सुरक्षा स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। सुरक्षाबल कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं और संभाग में सक्रिय 40 से 50 आतंकवादियों का पता लगाने के उद्देश्य से प्रमुख जिलों के ऊपरी इलाकों में
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जम्मू, 11 जुलाई (हि.स.)। जम्मू संभाग के अंदरूनी इलाकों और सीमाओं पर सुरक्षा स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। सुरक्षाबल कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं और संभाग में सक्रिय 40 से 50 आतंकवादियों का पता लगाने के उद्देश्य से प्रमुख जिलों के ऊपरी इलाकों में आतंकरोधी अभियान जारी हैं।

आतंकवादियों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन-रोधी रणनीति, अतिरिक्त तैनाती और रात के अभियानों को तेज़ करने सहित बहु-स्तरीय उपाय किए गए हैं।

कई समूहों में सक्रिय लगभग 40 से 50 आतंकवादी वर्तमान में पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में सक्रिय हैं। उनमें से लगभग 80 प्रतिशत पाकिस्तानी नागरिक हैं।

राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर सहित कई ज़िलों में आतंकवाद-रोधी अभियानों की एक श्रृंखला चल रही है। चल रहे अभियानों से परिचित एक अधिकारी ने कहा कि हम आतंकवादी गतिविधियों के बारे में विशिष्ट सूचनाओं पर कार्रवाई कर रहे हैं। उन पर नज़र रखी जा रही है और वह भाग रहे हैं।

यह अभियान किश्तवाड़, बसंतगढ़, राजौरी और पुंछ के अंदरूनी इलाकों पर केंद्रित हैं जहाँ ज़मीनी स्तर की ख़ुफ़िया जानकारी सैन्य गतिविधियों को निर्देशित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

जम्मू संभाग के उच्च-संवेदनशील क्षेत्रों और ऊँचाई वाले इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात करके सुरक्षा व्यवस्था को काफ़ी बढ़ा दिया गया है। क्षेत्र के ऊँचाई वाले सुरक्षाबलों के प्रभावी नियंत्रण में ले लिया गया है और उन पर पूरी तरह से नियंत्रण किया जा रहा है। रात्रि दृष्टि उपकरणों और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके रात्रि निगरानी बढ़ा दी गई है।

कश्मीर घाटी में प्रवेश करने के लिए आतंकवादियों द्वारा पहले इस्तेमाल किए गए रास्तों को बंद कर दिया गया है और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए एहतियाती उपाय किए गए हैं। सीमा पार गतिविधियाँ जारी हैं और रिपोर्ट्स बताती हैं कि सीमा पर आतंकवादी घात लगाए बैठे हैं। हालाँकि हमारे सैनिक ऐसी किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं।

आतंकवाद-विरोधी रणनीति में संशोधन किया गया है और रात्रि अभियानों और रणनीतियों पर ज़्यादा ज़ोर दिया गया है ताकि आतंकवादियों को फिर से संगठित होने, शरण लेने और पहाड़ी श्रृंखलाओं में रात्रिकालीन गतिविधियाँ करने का मौका न मिले।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह