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लखनऊ, 11 जुलाई (हि.स.)। समाज कल्याण विभाग निदेशालय में शुक्रवार को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का समाज कल्याण की योजनाओं में उपयोग विषय पर एक कार्यशाला आयाेजित की गई। इसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित तकनीकों के माध्यम से विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन में अधिक पारदर्शी बनाना था। कार्यक्रम में चैटजीपीटी जैसे आधुनिक टूल्स की सहायता से योजना ड्राफ्ट तैयार करने, रिपोर्ट संकलन और संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण के उपयोग पर भी चर्चा हुई।
कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का क्षमतावर्धन हो सके। इसके लिए नवीन तकनीकी को तेजी से अपनाना चाहिए। तकनीक को जनसेवा का सशक्त माध्यम बताते हुए अधिकारियों से इसे योजनाओं में समाहित करने का आह्वान किया।
कार्यशाला में उपस्थित मुख्य वक्ता सुमित कुमार सिंह, संस्थापक, एसीईएआई, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, आईआईटी दिल्ली एवं आईआईएम लखनऊ ने एआई की व्यावहारिक उपयोगिता, डेटा विश्लेषण, योजनागत सुधारों में इसके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के सवालों के जवाब दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू ने भी अधिकारियों को तकनीकी नवाचारों को तेजी से अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में निदेशक, समाज कल्याण विभाग कुमार प्रशांत, महाप्रबंधक, अनुगम विपिन कुमार पांडेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिवम सागर समेत विभाग के समस्त वरिष्ठ अधिकारी, सर्वोदय स्कूल, आईटीआई, पॉलिटेक्निक के समस्त प्रधानाचार्य, कर्मचारी, अनुगम कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक