पूर्णिया में राष्ट्रव्यापी मध्यस्थता कैम्पेन के सफल आयोजन को लेकर न्यायिक पदाधिकारियों की बैठक आयोजित
पूर्णिया, 11 जुलाई (हि.स.)। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पूर्णिया द्वारा 1 जुलाई 2025 से तीन महीने तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी मध्यस्थता कैम्पेन की शुरुआत की गई है। इस अभियान का संचालन व्यवहार न्
जिला न्याय पदाधिकारी की बैठक


पूर्णिया, 11 जुलाई (हि.स.)। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पूर्णिया द्वारा 1 जुलाई 2025 से तीन महीने तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी मध्यस्थता कैम्पेन की शुरुआत की गई है। इस अभियान का संचालन व्यवहार न्यायालय स्थित मध्यस्थता केंद्र में किया जा रहा है।

कैम्पेन के सफल क्रियान्वयन हेतु शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, कन्हैया जी चौधरी के निर्देशानुसार, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय राकेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुनील कुमार सहित कई न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राधा कुमारी, अवर न्यायाधीश द्वितीय सह अपर मुख्य दंडाधिकारी द्वितीय संजय कुमार, किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी संजय कुमार सरोज, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती श्वेता शारदा, सदर मुंसिफ प्रभात कुमार रंजन तथा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी राहुल प्रकाश, सुश्री पल्लवी, सुश्री स्निग्धा, अमित कुमार, प्रदीप कुमार रवि, श्रीमती सुवर्णा नारायण एवं प्रोबेशनरी सिविल जज (जूनियर डिविजन) आशीष देव उपस्थित थे।

बैठक में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय द्वारा इस विशेष मध्यस्थता कैम्पेन के उद्देश्य, प्रक्रियाएं एवं इसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। यह बताया गया कि इस विशेष अभियान में वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना बीमा दावा वाद, घरेलू हिंसा, एनआई एक्ट से जुड़े मामले, वाणिज्यिक एवं सेवा से संबंधित विवाद, शमनीय आपराधिक मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, बंटवारा, निष्कासन, भूमि अधिग्रहण एवं अन्य दीवानी वादों को सम्मिलित किया गया है।

सभी न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने न्यायालयों में लंबित मामलों की पहचान करें तथा संबंधित पक्षकारों को मध्यस्थता हेतु नोटिस भेजें। सहमति मिलने पर सुपुर्दगी आदेश के साथ दस्तावेजों की छायाप्रति मध्यस्थता केंद्र को प्रेषित करें।

बैठक के अंत में सभी न्यायिक पदाधिकारियों से अपेक्षा की गई कि वे न्यायिक कार्यों के साथ-साथ इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग प्रदान करें।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह