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चंडीगढ़, 10 जुलाई (हि.स.)। पंजाब में विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होते ही विपक्षी दलों
ने राज्य में कानून व्यवस्था तथा लैंड पूलिंग पॉलिसी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। सभी
विपक्षी दल शुक्रवार को इस मुद्दे पर विधानसभा में सरकार से जवाब मांगेंगे।
गुरुवार
को सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा
कि लैंड पूलिंग बिल के लिए
मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले खुद तैयार नहीं थे। मुख्यमंत्री मान को जानकारी है कि अगर हस्ताक्षर
किए तो वे फंसेंगे। इसलिए उन्होंने पहले साइन करने से मना कर दिया था, लेकिन दो घंटे
के बाद हस्ताक्षर कर दिए। उन्होंने कहा कि अगर ये बिल सही है तो शक्तियां चीफ सेक्रेटरी को क्यों
दी गई हैं।
बाजवा ने कहा कि वर्ष 2027 में सरकार बदल जाएगी और चीफ सेक्रेटरी सरकार बदलने
के बाद जल्द ही रिटायर हो जाएंगे। सोचिए, उसके बाद किसे पकड़ेंगे। बाजवा ने कहा कि बेदअबी पर जो कल जो बिल लाया जाना है, हमारे पास अभी
तक बिल की कोई कॉपी नहीं आई है। अगर सरकार इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो एक-दो दिन पहले हमको बिल की कॉपी देनी चाहिए थी। जिस पर हम अध्ययन कर लेते। भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि
पंजाब सरकार कानून व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह फेल साबित हुई है। आज
कारोबारी बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। सरकार को इस दिशा में काम करना होगा। ईधर
उधर की बातें करने से अब काम नहीं चलेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा