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खूंटी, 10 जुलाई (हि.स.)। महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा और शबरी कुटिया शांतिपुरी मुरहू में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम में सत्संगियों ने सद्गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण -पुष्पांजलि अर्पित की। मौके पर स्वामी लक्ष्मण महाराज ने कहा कि जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं। गुरु ही जीवन के अंधकार को दूर कर प्रकाश भरते हैं। गुरु शिक्षा के साथ-साथ जीवन के उद्धार की बात बताते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में भी मनाई जाती है। वेदव्यास ने वेदों का संकलन और विभाजन कर मानवता को ज्ञान का मार्ग बताया। सद्गुरु महर्षि में ही परमहंस जी महाराज ने सत्संग और ध्यान का मार्ग बताकर हमें इस मानव जीवन के कल्याण की युक्ति बताई है। स्वामी वैष्णवानंदजी महाराज ने कहा कि गुरु इहलोक-परलोक दोनों को सुधारने का मार्ग बतलाते हैं। महर्षि वेदव्यास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वेदव्यास ने महाभारत, पुराणों आदि ग्रंथों की रचना की, और जगत में सच्चे ज्ञान ज्ञान का प्रसार किया।
इस मौके पर लोदरो बाबा, मुरलीधर बाबा, दिगंबर बाबा सहित ने भी गुरु पूर्णिमा पर प्रवचन में जीवन में सद्गुरु की अनिवार्यता पर बल दिया।
इस अवसर पर डॉ डीएन तिवारी, राम हरि साव, डॉ रमेश वर्मा, मुचीराय मुंडा, कांडे मुंडा, चमरा मुंडा, सुखराम मुंडा, विष्णु मुंडा, सूरजमल प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा