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--बड़ी संख्या में शिष्यों ने गुरु पूजन कर लिया गुरुमंत्र एवं आशीर्वाद
प्रयागराज, 10 जुलाई (हि.स.)। गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर गुरुवार को प्रयागराज के संत, महात्माओं के आश्रम में जगह-जगह भोर से ही गुरु पूजन शुरू होकर दोपहर तक चलता रहा। शिष्यों ने गुरू मंत्र लेकर आशीर्वाद भी लिया। उसके बाद विशाल भण्डारे में शिष्यों ने परिवार सहित प्रसाद ग्रहण किया।
प्रयागराज में सबसे विशाल अन्नक्षेत्र चलाने वाली संस्था लाल महेंद्र शिव शक्ति समिति ओम नमः शिवाय की ओर से गऊघाट आश्रम में विशाल रूद्र महायज्ञ गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर दोपहर तक चला। उसके बाद विशाल भण्डारे में बड़ी संख्या में शिष्य प्रसाद ग्रहण किये। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी ने गुरुदेव से आशीर्वाद लिया। राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी ने कहा कि सबसे बड़ी सेवा मानव सेवा है और उसमें अन्न सेवा सबसे प्रधान है। क्योंकि भूखे को खाना खिलाने से साक्षात भगवान नारायण खुश होते है और मनोवांक्षित फल की प्राप्ति होती है।
श्रीबाघम्बरी मठ अल्लापुर में महंत बलवीर गिरी के नेतृत्व में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। अखाड़ा परिषद के ब्रह्मलीन अध्यक्ष स्वामी नरेन्द्र गिरी के पूजन से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ, बाद में शिष्यगण महंत बलबीर गिरी का पूजन और गुरुमंत्र (दीक्षा) लिया। श्रृंगवेरपुर धाम के जगद्गुरु नारायणाचार्य स्वामी शांडिल्य महराज के आश्रम में विशाल गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। जहां पर बड़ी संख्या में शिष्यगण परिवार सहित गुरु पूर्णिमा महोत्सव के कार्यक्रम में शामिल हुए।
अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पीठाधीश्वर स्वामी रामाश्रम महराज ने बताया कि गढवा, नवाबगंज स्थित आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव सुबह सात बजे से शुरू होकर दोपहर तक चला। बड़ी संख्या में शिष्य शामिल हुए। परमहंस स्वामी प्रभाकर महाराज की ओर से गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम गुरुवार को नैनी एफसीआई गोदाम के पास एक गेस्ट हाउस में हुआ। प्रभाकर महाराज ने बताया कि महारुद्राभिषेक सुबह आठ बजे, गुरुपुजन और सत्संग सुबह 10 बजे से, महाप्रसाद एवं भण्डारा कार्यक्रम दोपहर दो बजे से शुरू होकर देर शाम तक चलता रहा।
इसी प्रकार श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर अलोपीबाग में बड़े धूमधाम से मनाया गया। स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज ने बताया कि वेद, उपनिषद और पुराणों का प्रणयन करने वाले वेदव्यास को समस्त मानव जाति का गुरु माना जाता है। उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा में हुआ था उनके सम्मान में हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। इसी दिन व्यासजी ने शिष्यों एवं मुनियों को सर्वप्रथम पुराणो एवं वेदों का ज्ञान दिया था अतः है यह शुभ दिन व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र