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वाशिंगटन, 10 जुलाई (हि.स.)। एफबीआई के पूर्व निदेशक जेम्स कॉमी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करना भारी पड़ सकता है। इस बीच खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया में ट्रंप की आलोचना करने वाली पोस्ट सामने के बाद जेम्स कॉमी का सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने पीछा किया। कॉमी ने सोशल मीडिया पर 86 47 लिखे सीपों की एक तस्वीर पोस्ट की थी।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, सादे लिबास में सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने बिना नंबर वाली कारों से उनका पीछा किया। यही नहीं उनके सेलफोन को भी ट्रैक किया। राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगियों ने कॉमी की पोस्ट पर कहा था कि यह एक तरह से हत्या की धमकी दी गई है। सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने जब कॉमी का पीछा किया तो वह अपनी पत्नी पैट्रिस के साथ उत्तरी कैरोलिना तट के आसपास छुट्टियां मनाने में मशगूल थे। एजेंटों ने उनका वर्जीनिया से वाशिंगटन तक पीछा किया।
अमेरिकी समाचार पोर्टल 'स्पेक्ट्रम लोकल न्यूज 1' के अनुसार, न्याय विभाग के प्रवक्ता ने बुधवार को पुष्टि की कि पूर्व सीआईए निदेशक जॉन ब्रेनन और पूर्व एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमी के खिलाफ जांच चल रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कुछ सांसदों ने न्याय विभाग की इस पुष्टि पर खुशी जताई है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को पांच अफ्रीकी देशों के नेताओं के साथ व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से ब्रेनन और कॉमी को बेईमान और बेहद भ्रष्ट अधिकारी बताया। उल्लेखनीय है कि ट्रंप के 2016 के चुनाव अभियान के दौरान इन दोनों अधिकारियों ने उनके रूस के साथ रिश्तों की जांच की थी। ट्रंप ने कहा कि इन दोनों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
एनबीसी न्यूज, फॉक्स न्यूज, सीएनएन और द वाशिंगटन टाइम्स की खबरों से संकेत मिल रहा है कि ब्रेनन और कॉमी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने पर विचार किया जा रहा है। सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने ब्रेनन के खिलाफ आपराधिक आरोपों की फाइल एफबीआई निदेशक काश पटेल के पास भेजी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि इन दोनों अधिकारियों ने संविधान और देश के खिलाफ काम किया है। इन पर कांग्रेस से झूठ बोलने पर मुकदमा चलना चाहिए।
खबरों में कहा गया है कि एफबीआई, सीआईए और कॉमी ने बुधवार को इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सिर्फ ब्रेनन ने एनबीसी न्यूज से कहा कि न्याय विभाग या सीआईए ने जांच के बारे में उनसे संपर्क नहीं किया है। सनद रहे पूर्व एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमी को मई 2017 में ट्रंप ने बर्खास्त कर दिया था।
पिछले सप्ताह, सीआईए ने रैटक्लिफ के आदेश पर एक गोपनीय दस्तावेज उजागर किया है। इसमें 2017 के खुफिया आकलन को खारिज कर दिया गया है। इसमें दस्तावेज में कहा गया था कि रूस ने ट्रंप के पक्ष में 2016 के चुनाव में हस्तक्षेप किया था। रैटक्लिफ ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि ब्रेनन, कॉमी और पूर्व राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जेम्स क्लैपर ने खुफिया जानकारी में हेरफेर किया और यह सब ट्रंप को फंसाने के लिए किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद