अनूपपुर : लाखों की लागत से बने लैब पर पांच वर्ष से लटक रहा ताला, संचालन न होने से पशुपालक परेशान
पशु चिकित्सा लैब में नहीं हुई कर्मचारियों की पदस्थापना अनूपपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। जिले में पशु रोगों की जांच और बीमारी का पता लगाने के लिए पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला की शुरुआत वर्ष 2020 में की गई। करीब पांच वर्ष बीतने के बावजूद आज तक इसका उपयोग नही
लैब पर पडा ताला


पशु चिकित्सा लैब में नहीं हुई कर्मचारियों की पदस्थापना

अनूपपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। जिले में पशु रोगों की जांच और बीमारी का पता लगाने के लिए पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला की शुरुआत वर्ष 2020 में की गई। करीब पांच वर्ष बीतने के बावजूद आज तक इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है और यहां के पशुपालकों को अपने मवेशियों की बीमारी की जांच के लिए परेशान होना पड़ता है। यहां नियमित रूप से किसी लैब टेक्नीशियन की पदस्थापना न होने से लोगों को जांच के लिए पास के जिले शहडोल जाना पड़ता है।

उल्लेखनीय है कि पशुओं में विभिन्न प्रकार की संक्रामक एवं बैक्टीरियल बीमारी, पेट में गड़बड़ी, मूत्र एवं गोबर की जांच तथा विषाणु से होने वाले 150 तरह की बीमारियों की जांच के लिए पशु जिला चिकित्सालय के समीप ही लैब का निर्माण कराया गया है। इसमें ब्लड एनालाइजर, सेंट्रीयूअल, माइक्रोस्कोप वेइंग मशीन सहित अन्य उपकरण लगाए गए हैं जिससे पशुओं को होने वाले बीमारी की जांच की जा सके। विभाग ने यहां पर लैब तो बना दिया लेकिन लैब टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट एवं यहां स्वीकृत किए गए कार्यालय सहायक, स्वीपर एवं चिकित्सक के पदों पर आज तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिसके चलते लैब बंद पड़ा हुआ है। जब कभी भी कोई पशुपालक मवेशी और अन्य पालतू जानवरों की जांच के लिए यहां पहुंचता है तो उन्हें यहां ताला लटकता मिलता है।

इस संबंध में पशु पालकों ने बताया कि विदेशी नस्ल का पालतू कुत्ता भी बीमार हो जाए तो उसे अनूपपुर पशु चिकित्सालय न ले जाकर हमें शहडोल ले जाना पड़ता है। बिजुरी निवासी नीलेश पांडे का कहना रहा कि उसका विदेशी नस्ल का कुत्ता बीमार हो गया था। उसके पेट में सूजन आ गई थी। चिकित्सक को दिखाया तो पैथोलॉजी जांच के लिए कहा गया, बिजुरी पशु चिकित्सालय में पता लगाने पर बताया गया कि अनूपपुर में जांच नहीं होती है। शहडोल से ही जांच कराना पड़ेगी। जिसके बाद कुत्‍ते को शहडोल लेकर जाना पड़ा था।

वरिष्ठ पशु चिकित्सक अनूपपुर डॉ. योगेश दीक्षित से जब इस संपूर्ण प्रकरण को लेकर बात की गई तो उनका कहना था कि पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला में अभी तक कर्मचारियों की पदस्थापना नहीं हुई है। चिकित्सालय के लैब टेक्नीशियन को बुलाकर कार्य लेना पड़ता है। रिक्त पदों की जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को भेजी गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

जिले में पशुओं की स्थिति

गौरतलब है कि अनूपपुर जिले में कुल 380613 गोवंश है जिसमें अनूपपुर तहसील में 122485, जैतहरी तहसील में 50092, कोतमा तहसील में 3124 एवं पुष्पराजगढ़ में 161058 मवेशी शामिल हैं। इसके साथ ही 63566 भैंस हैं। अनूपपुर तहसील में 24108, जैतहरी तहसील में 9127, कोतमा तहसील में 9231 एवं पुष्पराजगढ़ तहसील में 16927 भैंस हैं। इसके साथ ही 117 भेड़ एवं 74527 बकरी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला