त्रुटिपूर्ण विवरण से छात्र को छात्रवृत्ति न मिलने पर संस्थान होगा जिम्मेदार : जिलाधिकारी
कानपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। सभी शिक्षण संस्थान, संस्थान स्तर पर छात्रवृत्ति समिति का गठन करें। साथ ही दो तकनीकी रूप से दक्ष नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें। छात्र की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति गत वर्ष की उत्तीर्णता या प्रोन्नति तथा समस्त विवरणों का स
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह व अन्य


कानपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। सभी शिक्षण संस्थान, संस्थान स्तर पर छात्रवृत्ति समिति का गठन करें। साथ ही दो तकनीकी रूप से दक्ष नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें। छात्र की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति गत वर्ष की उत्तीर्णता या प्रोन्नति तथा समस्त विवरणों का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए। त्रुटिपूर्ण विवरण या विलंब के कारण यदि कोई पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित संस्थान की होगी। यह निर्देश गुरुवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने संबंधित अधिकारियों को दिए।

शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं की तैयारियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जनपद के 376 शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ विश्वविद्यालयों, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनपद कानपुर नगर के 97,523 विद्यार्थियों को कुल 140 करोड़ 42 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। यह राशि छात्रों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से भेजी गई। समाज कल्याण विभाग द्वारा 45,456 विद्यार्थियों को 60 करोड़ 13 लाख रुपये, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा 45,202 विद्यार्थियों को 72 करोड़ रुपये तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा 6,865 विद्यार्थियों को आठ करोड़ 28 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई।

शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्रवृत्ति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन लागू किए गए हैं। अब आवेदन केवल एक बार पंजीकरण (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) के माध्यम से किया जाएगा। केवल माता-पिता या अभिभावक के नाम से जारी आय प्रमाण-पत्र मान्य होगा। छात्रों की पहचान की पुष्टि के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को भी अनिवार्य किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशानुरूप छात्रवृत्ति योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता पाए जाने पर संबंधित संस्थान अथवा अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप