गोद ली हुई बच्ची के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही पिंकी
पूर्वी सिंहभूम, 10 जुलाई (हि.स.)।सोनारी की रहने वाली पिंकी देवी अपनी गोद ली हुई बेटी को बचाने के लिए गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर रोती-बिलखती नजर आईं। उन्होंने अपने पति बाल कृष्ण के साथ उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई। पिंकी ने
उपायुक्त कार्यालय के बाहर रोती पिंकी


पूर्वी सिंहभूम, 10 जुलाई (हि.स.)।सोनारी की रहने वाली पिंकी देवी अपनी गोद ली हुई बेटी को बचाने के लिए गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर रोती-बिलखती नजर आईं। उन्होंने अपने पति बाल कृष्ण के साथ उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई। पिंकी ने बताया कि 2019 में उनकी छोटी बहन रश्मी सिंह ने बेटी सान्वी राज को जन्म दिया था। जन्म के बाद से ही उसके पिता संजीत सिंह ने बच्ची को स्वीकार नहीं किया। बच्ची कुपोषित थी और उसके शरीर पर घाव बन गए थे। तब रश्मी ने पिंकी से गुहार लगाई थी कि वे इस बच्ची को अपने पास रख लें, नहीं तो उसका पति उसे मार देगा। परिवार की सहमति से पिंकी और उनके पति ने बच्ची को गोद ले लिया और तभी से उसे अपनी बेटी की तरह पाल रही हैं।

लेकिन पिंकी का आरोप है कि कुछ दिन पहले उनकी बहन और बहनोई ने उनसे कार के लिए 10 लाख रुपये मांगे। इंकार करने पर उन्होंने बच्ची को छीनने की धमकी दी। पिंकी ने बताया कि उनकी बहन ने कदमा थाना में झूठी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद बीती रात बच्ची को जबरन रुपनगर के आश्रम में भेज दिया गया। पिंकी का कहना है, “जब वह दो महीने की थी, तब से मैंने उसे सीने से लगाया। अब वही बच्ची मुझसे छीन ली गई है। उसके बिना मैं जी नहीं सकती।”

पिंकी ने बाल कल्याण समिति को भेजे स्पष्टीकरण पत्र में कहा है कि उनकी बहन के आरोप झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं। उन्होंने बच्ची के इलाज, पढ़ाई और पालन-पोषण के दस्तावेज भी सौंपे हैं। पिंकी का कहना है कि बच्ची ने भी उनके साथ ही रहने की इच्छा जताई थी, लेकिन इसके बावजूद उसे जबरन ले जाया गया। उन्होंने उपायुक्त और एसएसपी से मांग की है कि बच्ची से घर पर, उनकी मौजूदगी में ही पूछताछ की जाए ताकि उसका मानसिक संतुलन न बिगड़े।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक