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जयपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवारत चिकित्सकों को सीनियर रेजिडेंटशिप के लिए रिलीव नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश सर्वेश कुमार योगी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए। अदालत ने कहा कि चिकित्सकों को रिलीव करने के दौरान राज्य सरकार ने याचिकाकर्ताओं के साथ भेदभाव नहीं किया है।
याचिका में कहा गया कि स्वास्थ्य निदेशक ने गत 11 जून को एक परिपत्र जारी कर सीनियर रेजिडेंटशिप के लिए चिकित्सा अधिकारियों को रिलीव करने पर पाबंदी लगा दी। याचिका में इस परिपत्र को चुनौती देते हुए कहा गया कि एसआरशिप के लिए ज्वाइनिंग की तिथि समाप्त हो गई है और राज्य सरकार ने उन्हें चिकित्सा अधिकारी पद से रिलीव नहीं किया है। जबकि कई अन्य चिकित्सकों को रिलीव किया जा चुका है। ऐसे में राज्य सरकार के परिपत्र को निरस्त कर उन्हें रिलीव किया जाए। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता अर्चित बोहरा ने कहा कि एसआरशिप के लिए रिलीव करने पर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी हो जाएगी। इसके अलावा करीब एक माह में 1700 नए चिकित्सकों की नियुक्ति होने वाली है। ऐसे में निर्णय लिया गया उनकी नियुक्ति होने पर याचिकाकर्ताओं को रिलीव कर दिया जाएगा। इसके अलावा एसआरशिप के लिए ज्वाइनिंग की तिथि भी तब तक के लिए बढा दी जाएगी। राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि कुछ चिकित्सकों को एसआरशिप के लिए रिलीव किया गया था, लेकिन किसी भी चिकित्सक को 11 जून के परिपत्र के बाद रिलीव नहीं किया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक