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- कलेक्ट्रेट भवन में आकार ले चुका है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
सागर, 10 जुलाई (हि.स.)। कलेक्टर संदीप जी आर के निर्देश पर जिले में जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आकार ले रहे हैं। वहीं कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन, नगर निगम कार्यालय सहित जिले के नवनिर्मित एसडीएम कार्यालय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आकार ले रहे हैं।
कलेक्टर संदीप जी. आर. ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में बनवाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निरीक्षण किया एवं आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार का सिस्टम सभी शासकीय भवनों में बनाया जावे एवं सभी नगरीय निकायों में भवन अनापत्ति प्रमाणपत्र तभी जारी करें जब सभी नए भवनों में उक्त सिस्टम तैयार किया जा चुका हो। इसी प्रकार पुराने सभी बड़े निजी भवनों में भी यह सिस्टम बनाने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सिस्टम सभी जगह तैयार होने से हमारे घर कार्यालय की छतों का पानी इस सिस्टम में एकत्र होगा जिससे न केवल भू जल स्तर बढ़ेगा बल्कि इसके सम्पवैल के कारण इस भूजल का उपयोग अन्य कार्यों में भी किया जा सकेगा। जिससे शुद्ध पेयजल की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का वाटर जिले के सभी विद्यालयों, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों, सभी शासकीय भवनों एवं निजी भवनों में बनने चाहिए।
कलेक्टर की नागरिकों से अपील- सभी अपने घरों एवं भवनों में बनवाएं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
जल है तो कल है और जल का आज संरक्षण करेंगे तो कल बेहतर होगा। इसी सोच के साथ कलेक्टर संदीप जी आर ने जिलेवासियों से जल संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनाने की अपील की है। उन्होंने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा है कि प्रत्येक सरकारी भवन में वर्षा जल पुनर्भरण टैंक बनवाए जा रहे हैं। जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह आम नागरिक भी अपने घरों, अन्य भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कार्य करें जिससे कि भविष्य में जल संवर्धन और क्षेत्र के भूजल स्तर में सुधार हो सकेगा।
कलेक्टर की पहल
जिले के भूजल स्तर को बेहतर करने की दिशा में कलेक्टर संदीप जी आर विशेष कार्य कर रहे हैं। रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए सभी शासकीय कार्यालयों में केवल रिचार्ज पिट ही नहीं बल्कि टैंक बनवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने घरों, कार्यालयों, भवनों को भी इसी प्रकार तैयार करने की अपील की है। जिससे भविष्य में जिले में भूजल के स्तर को बेहतर किया जा सके और जिले को आसानी से पानी उपलब्ध कराया जा सके। जिले वासियों की जागरूकता से ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा। स्कूलों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया चल रही है। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर संबंधित जगह के आस-पास के क्षेत्र में भूजल के स्तर की गिरावट पर रोक लगती है और क्षेत्र में जो जल स्रोत होता है, वह रिचार्ज हो जाता है, जिससे उसमें पानी लगातार आता रहता है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर