निर्वाचन आयोग के सामने प्रदर्शन करने के मामले में टीएमसी सांसद समेत सभी आरोपित बरी
नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। राऊज एवेन्यू कोर्ट की एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने अप्रैल, 2024 में दिल्ली में निर्वाचन आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन करने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन समेत सभी आरोपितों को
राऊज एवेन्यू कोर्ट


नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। राऊज एवेन्यू कोर्ट की एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने अप्रैल, 2024 में दिल्ली में निर्वाचन आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन करने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपितों को 16 जुलाई को बेल बांड भरने का आदेश दिया।

कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, डोला सेन, शांतनु सेन, विवेक गुप्ता , मोहम्मद नदीमुल हक, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, अबीर रंजन बिश्वास और सुदीप राहा को बरी किया है। कोर्ट ने 21 अप्रैल को इन नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 145 और 34 के तहत दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए समन जारी किया था।

दरअसल, 8 अप्रैल, 2024 को शाम को करीब चार बजे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये प्रदर्शन बिना किसी अनुमति के और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 का उल्लंघन करके किया गया था। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक इन नेताओं ने चेतावनी देने के बावजूद प्रदर्शन जारी रखा, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।

तृणमूल नेताओं का ये प्रदर्शन सीबीआई, ईडी, एनआईए और इनकम टैक्स विभाग के प्रमुखों को हटाने की मांग करते हुए किया गया था। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि चारों एजेंसियां 2024 के आम चुनाव के दौरान सत्ताधारी भाजपा के दबाव में काम कर रही थी। 8 अप्रैल, 2024 के प्रदर्शन के पहले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने निर्वाचन आयोग के सभी आयुक्तों को अपनी मांग संबंधी ज्ञापन दिया था। इसके बाद तृणमूल नेताओं ने निर्वाचन आयोग के समक्ष धरना देना शुरू कर दिया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया था।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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