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--नगर निगम ने हाईकोर्ट में मामले पर पुनर्विचार के लिए नोटिस वापस लेने को कहा
प्रयागराज, 10 जुलाई (हि.स.)। सिविल लाइंस में महात्मा गांधी मार्ग व सरोजिनी नायडू मार्ग स्थित पुराने जीजीआईसी के पास सागर पेशा वालों को ध्वस्तीकरण मामले में राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में यहां के निवासियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान नगर निगम ने नोटिस वापस लेने का आश्वासन दिया। जिसके बाद कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी। परन्तु कोर्ट ने नगर निगम को नये सिरे से विचार कर नियमानुसार निर्णय लेकर कार्रवाई करने की छूट दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने माया यादव व 11 अन्य की याचिका पर उनके अधिवक्ता कमल कुमार सिंह एवं सुधीर कुमार मिश्र और नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी को सुनकर दिया।
याचिका के अनुसार पुराने जीजीआईसी के पास रहने वाले याचियों को अतिक्रमण हटाए जाने के लिए गत 24 जून को नगर निगम प्रयागराज के अधिकारी प्रभारी (नजूल) की ओर से नोटिस निर्गत कर उनके मकान पर नोटिस चस्पा किया गया था। नोटिस के क्रम में 12 परिवारों ने यह याचिका दाखिल की। सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने मामले पर निगम द्वारा पुनर्विचार के लिए अनुमति मांगी और कहा कि नोटिस को वापस लिया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने नगर निगम को कानून के अनुसार मामले पर पुनर्विचार के लिए नए सिरे से आगे बढ़ने की छूट देते हुए याचिका निस्तारित कर दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे