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अजमेर, 10 जुलाई (हि.स.)। अजमेर के बहुचर्चित रामसेतु एलिवेटेड रोड के निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर अब सियासी संग्राम तेज़ होता जा रहा है। इस मामले में जिला सत्र न्यायालय के लोक अभियोजक जयप्रकाश शर्मा ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए बड़ा आरोप लगाया कि दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए मामले को जानबूझकर अदालत में ले जाया गया है।
उन्होंने कहा कि आरएसआरडीसी (राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन) के अधिकारियों ने निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया और तकनीकी मापदंडों की अनदेखी की, लेकिन अब उन्हीं को बचाने के लिए इस विवाद को कानूनी जटिलताओं में उलझाया जा रहा है।
जयप्रकाश शर्मा के मुताबिक इस निर्माण का जिम्मा पूरी तरह आरएसआरडीसी पर था, न कि नगर निगम या स्मार्ट सिटी पर। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत केवल केंद्र से वित्तीय सहायता मिली, लेकिन तकनीकी जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी और आरएसआरडीसी अधिकारियों की थी।सड़क धंसने की हालिया घटना ने निर्माण की पोल खोल दी है।
उन्होंने कहा कि यह निर्माण तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय हुआ था, और अब जांच शुरू होने पर कांग्रेस से जुड़े लोगों ने न्यायालय में वाद दायर कर दिया जिससे प्रक्रिया लंबी खिंच जाए।
उल्लेखनीय है कि सिविल न्यायालय के न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने 11 जुलाई तक एलिवेटेड रोड की सभी भुजाओं को बंद करने का आदेश दिया है। आदेश नगर निगम और स्मार्ट सिटी अधिकारियों की अनुपस्थिति में एकतरफा रूप से जारी किया गया। नगर निगम ने अब अदालत से सुनवाई के लिए समय मांगा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष