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औरैया, 10 जुलाई (हि.स.)। जिलाधिकारी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी की पहल पर जिले से प्रवाहित होने वाली अन्हैया और पांडु नदी का संरक्षण व संवर्धन किया जा रहा है। इस पहल से जल गुणवत्ता, पर्यावरण में सुधार, आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य लाभ तथा सामुदायिक लाभ होने के साथ-साथ नदी के प्रवाह क्षेत्र के आस-पास भूगर्भ जल का स्तर बढ़ता है। जिसका सीधा फायदा किसान को कृषि में मिलेगा।
नदियों को उनके प्राकृतिक स्वरूप, प्रवाह और स्वास्थ्य को पुनर्जीवित किया जाता है, जो मानवीय गतिविधियों व त्रुटियों के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं। डीएम ने बताया कि अन्हैया नदी निकटवर्ती जिले इटावा के विकास खंड भरथना से जिले के विकास खंड अछल्दा से प्रवेश करती है और विकास खंड सहार होते हुए कानपुर देहात जिले में प्रवेश कर जाती है। अन्हैया नदी अपने गमन के दौरान ग्राम पंचायत गड़वाना, इटैली, लहटोरिया, बोडेपुर, ग्वारी, गुनोली, बंसी, सलेमपुर, रजुआमऊ, देवराव व हरचंदपुर से होकर गुजरती है। यह नदी जिले में लगभग 21.5 किलोमीटर के क्षेत्र में प्रवाहित होती है। उन्होंने बताया कि नदी के जीर्णोद्धार के लिए मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस कार्य के पूर्ण करने के लिए 01 करोड़ 98 लाख रुपये की धनराशि व्यय होने का आकलन किया गया जिसमें से अभी तक 01 करोड़ 21 लाख की धनराशि व्यय हो चुकी है और जीर्णोद्धार का कार्य जल्दी पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस जीर्णोद्धार के फलस्वरुप सारस पक्षियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है जो कि जैव विविधता के लिए बेहतर संकेत हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि पांडु नदी में वर्षों से सफाई न होने की वजह से गाद की भरमार हो गई थी जिसके कारण बारिश के दिनों में नदी ओवर फ्लो होने से किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन बर्बाद हो जाती थी। जिसका संज्ञान जिला प्रशासन की ओर से लिया गया और इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए जिले में प्रवाहित होने वाली पांडु नदी का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। पांडु नदी कन्नौज जिले से निकल कर विकास खण्ड बिधूना में औरैया जिले में प्रवेश करती है और ग्राम पंचायत सबहद, धरमंगदपुर, जरावन गैली, सिरयावा, भदोरा, बरु कुलासर, बेला, जौहर एवं बरकसी होते हुए जनपद कानपुर देहात में प्रवेश कर जाती है और कानपुर नगर से होते हुये फतेहपुर में गंगा नदी में मिलती है।
पांडु नदी मे लगभग 25 किलोमीटर के क्षेत्र मे बहती है। मनरेगा योजनान्तर्गत नदी के जीर्णोद्धार की कार्ययोजना बनाकर साफ सफाई आदि कार्य कराए जा रहे है। इस कार्य की पूर्णता के लिए प्राकलित धनराशि एक करोड़ 37 लाख आंकी गई है और लगभग 42 लाख की धनराशि अभी तक व्यय हुई है। पांडु नदी के जीर्णोद्धार का कार्य नियत समय से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप दोनों नदियों के जीर्णोद्धार का कार्य मनरेगा कराए जाने से रोजगार दिवस भी सृजित हुए हैं, जिसका लाभ सीधे श्रमिकों को मिल रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार