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भाेपाल, 10 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग में, 45,000 शिक्षकों ने स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन केवल 7,000 शिक्षकों का ही स्थानांतरण किया गया। अधिकांश आवेदकों को उनके इच्छित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया गया। इस पूरे मामले काे लेकर विपक्ष हमलावर हाे गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर आराेप लगाते हुए सवाल पूछे है।
कमलनाथ ने गुरुवार काे साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट करते हुए लिखा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में तबादला उद्योग अपने चरम पर पहुँच गया है। पैसा दो, काम लो का मंत्र एक बार फिर से जपा गया है। प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग में 45, हज़ार शिक्षकों ने स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए सरकारी पोर्टल पर आवेदन किया था लेकिन सिर्फ़ 7 हज़ार शिक्षकों का ही ट्रांसफर किया गया।
पूर्व सीएम ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि ट्रांसफर की प्रक्रिया में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ और उन्हीं लोगों के ट्रांसफर हो पाए जिन्होंने ऊपर तक पैसा पहुंचाया। धाँधली का स्तर यह रहा कि एक ही पद पर तीन-तीन लोगों के ट्रांसफर कर दिए गए। अतिशेष की जगह दूसरे शिक्षक ट्रांसफर कर दिए गए और जो शिक्षक वास्तव में ट्रांसफर के हक़दार थे, उनके केस पर विचार तक नहीं किया गया।
कमलनाथ ने कहा भाजपा प्रदेश को बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के अंधेरे में झोंक रही है। सारा कामकाज ठप पड़ा है लेकिन पैसा कमाने का धंधा बदस्तूर जारी है। अगर सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बाकी है तो इस पूरी ट्रांसफर प्रक्रिया को सही ढंग से संचालित करें और जिन शिक्षकों के ट्रांसफर आवेदन पर कोई विचार नहीं किया गया है, उनके स्थानांतरण पर भी गंभीरता से विचार किया जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे