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दुमका, 10 जुलाई (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय में न्यायिक पदाधिकारी की बैठक गुरूवार को आयोजित हुई।
बैठक की अध्यक्षता प्रभारी प्रधान जज सह प्राधिकार अध्यक्ष शत्रुंजय कुमार सिंह ने किया। बैठक नालसा और एससीएमएस. सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता और सुलह परियोजना समिति के निर्देशानुसार आयोजित हुई।
बैठक में 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान मीडिएशन फॉर द नेशन को सफल बनाने पर चर्चा हुई। इसमें प्राधिकार अध्यक्ष सिंह ने कहा कि मध्यस्थता एक ऐसा माध्यम है। जिसमें विवादों का समाधान त्वरित और सौहार्दपूर्ण तरीकों से होता है। इसमें न केवल समय एवं धन की बचत होती है, बल्कि आपसी रिश्तों में भी मधुरता बनी रहती है। मध्यस्थता के लिए उपयुक्त लंबित मामलों में मोटर दुर्घटना दावा मामले, घरेलू हिंसा से संबंधित मामले, चेक बाउंस से संबंधित मामले, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी मामले, भूमि अधिग्रहण विवाद, अन्य उपयुक्त सिविल मामले, राजस्व संबंधी प्रकरण आदि शामिल होते हैं।
इस अवसर पर प्राधिकार सचिव उत्तम सागर राणा ने बताया कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए मध्यस्थतों के साथ विशेष बैठक का भी आयोजन किया गया। इससे अधिक से अधिक मामलों का मध्यस्थ के माध्यम से सुलझाया जा सके। उन्होंने बताया कि मध्यस्थता भौतिक, ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में भी आयोजित की जाएगी। इस विशेष मध्यस्थता अभियान के प्रचार प्रसार के लिए शहर और गांव के विभिन्न स्थानों पर होर्डिंग एवं बैनर लगाकर भी इसका जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है।
सचिव ने आम जनता से अपील किया कि वे अपने लंबित मामलों का संबंधित न्यायालयों में मध्यस्थता के लिए प्रस्तुत करें और इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार