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प्रयागराज, 10 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनटीए को नीट (यूजी) 2025 की अभ्यर्थी अक्षिता सिंह की ओएमआर शीट की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा एवं न्यायमूर्ति डॉ वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अक्षिता सिंह की याचिका पर दिया है। अक्षिता सिंह ने अपनी ओएमआर शीट में बुकलेट सीरीज नंबर गलत अंकित कर दिया था, जिससे उन्हें केवल 41 अंक प्राप्त हुए। जबकि उनका दावा है कि उन्हें लगभग 589 अंक मिलने चाहिए थे। अक्षिता सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची ने नीट (यूजी) 2025 की ओएमआर शीट में बुकलेट सीरीज़ नंबर 46 अंकित कर दिया था जबकि उसने बुकलेट सीरीज़ नंबर 47 के अनुसार उत्तर दिए थे। उन्होंने कहा कि याची की ओएमआर शीट का सही मूल्यांकन किया जाता है, तो याची को कुल 720 अंकों में से लगभग 589 अंक प्राप्त होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ओबीसी श्रेणी के लिए कट ऑफ अंक 530-540 के बीच है।
एनटीए के वकील ने बताया कि ओएमआर शीट का मूल्यांकन पूरा हो चुका है और परीक्षा की रिपोर्ट भी जमा कर दी गई है। उत्तर कुंजी और ओएमआर शीट तीन जून 2025 को अपलोड की गई थी और आपत्तियों के लिए तीन से पांच जून 2025 तक का समय दिया गया था। परिणाम 14 जून 2025 को प्रकाशित किए गए थे। ऐसे में पुनः जांच का कोई प्रावधान नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि याची की गलती जानबूझ कर नहीं लगती है। वह केवल 20 वर्ष की है और मेडिकल डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए परीक्षा दे रही थी न कि किसी नौकरी के लिए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याची की योग्यता का मूल्यांकन नहीं किया गया है क्योंकि उसकी गलती के कारण उसके उत्तरों को गलत बुकलेट श्रृंखला के अनुसार पहचाना गया।
कोर्ट ने एनटीए को 15 जुलाई 2025 तक याची की ओएमआर शीट की जांच बुकलेट नंबर 47 के अनुसार करने और परिणाम प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यदि रिपोर्ट से पता चलता है कि याची ने अपनी श्रेणी के लिए कट ऑफ अंकों से अधिक अंक प्राप्त किए होंगे, तो कोर्ट याचिका पर आगे विचार करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे