40 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में 90 वर्षीय बुजुर्ग को एक दिन की जेल
नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने 40 साल पुराने भ्रष्टाचार के एक मामले में 90 वर्षीय बुजुर्ग को एक दिन की जेल की सजा मुकर्रर की है। जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि ये काफी दुखद है कि संविधान में त्वरित न्याय के अधिकार के बावजूद मामले के नि
Delhi High Court File Photo


नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने 40 साल पुराने भ्रष्टाचार के एक मामले में 90 वर्षीय बुजुर्ग को एक दिन की जेल की सजा मुकर्रर की है। जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि ये काफी दुखद है कि संविधान में त्वरित न्याय के अधिकार के बावजूद मामले के निष्पादन में लंबा समय लगा।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की उम्र 90 वर्ष है और उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि उसे हिरासत में भेजा जाए। अगर उसे हिरासत में भेजा जाता है, तो उसके दुष्परिणाम होंगे। याचिका सुरेंद्र कुमार ने दायर किया था। हाई कोर्ट ने कहा कि घटना 1984 की है जिसके ट्रायल में 19 साल लगे और उसकी अपील 22 सालों से ज्यादा समय तक हाई कोर्ट में लंबित रही। इस तरह की देरी काफी तकलीफदेह होती है और वो त्वरित न्याय के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले अधिकारों के साथ धोखा है।

याचिकाकर्ता स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया का चीफ मार्केटिंग मैनेजर था। उसे भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत उम्रकैद की सजा मिली थी। उसे एक फर्म के साझेदार से 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था, उसे गिरफ्तारी के बाद तुरंत रिहा कर दिया गया। उस पर आरोप था कि उसने 140 टन सूखी मछली की आपूर्ति के लिए टेंडर को लेकर रिश्वत लिया था। 2002 में ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा और 15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा