गुरू ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव : न्यायमूर्ति दीपक रौशन
रांची, 10 जुलाई (हि.स.)। रांची के धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरूवार को गुरुपूर्णिमा पर भारत माता प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा, विद्यालय की वार्षिक पत्रिका अरुणोदय के 13वें संस्करण का लोकार्पण और आचार्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया
पुस्तक के विमोचन करते न्यायमूर्ति समेत अन्य


रांची, 10 जुलाई (हि.स.)। रांची के धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरूवार को गुरुपूर्णिमा पर भारत माता प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा, विद्यालय की वार्षिक पत्रिका अरुणोदय के 13वें संस्करण का लोकार्पण और आचार्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक रौशन और विशिष्ट अतिथि विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री ब्रह्माजी राव की ओर से दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति दीपक रौशन ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव हैं। गुरु समाज को दिशा देने वाले प्रेरणास्रोत होते हैं। विशिष्ट अतिथि ब्रह्माजी राव ने गुरुपूर्णिमा की सांस्कृतिक और वैदिक परंपरा को रेखांकित करते हुए कहा कि यह दिन महर्षि वेदव्यास को समर्पित है और भारतीय शिक्षा पद्धति में गुरु का स्थान सर्वोपरि है।

मौके पर विद्यालय मंत्री अखिलेश्वर नाथ मिश्र ने कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए बताया कि विद्यालय की स्थापना 1970 में हुई थी और वर्तमान में इसमें लगभग 2700 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उन्होंने अरुणोदय पत्रिका को छात्र-छात्राओं की रचनात्मकता का सशक्त माध्यम बताया। पत्रिका की संपादक छात्रा तेजस्विनी कुमारी ने अपने वक्तव्य में इसे विद्यालय की संस्कृति, स्मृति और साहित्यिक धरोहर का दर्पण बताया।

इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य, आचार्येत्तर कर्मचारियों को अंगवस्त्र एवं रामचरितमानस भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह में समिति सदस्य नर्मदेश्वर मिश्र की ओर से प्रस्तुत देशभक्ति गीत ने विशेष भावनात्मक वातावरण निर्मित किया।

शिशु विकास मंदिर समिति के अध्यक्ष शक्तिनाथ लाल दास ने गुरु को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला पथप्रदर्शक बताया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसे उपाध्यक्ष प्रो. ब्रज किशोर जायसवाल ने किया। समारोह में समिति के सभी पदाधिकारी, प्राचार्य ललन कुमार, उपप्राचार्य मीना कुमारी सहित बड़ी संख्या में आचार्य एवं अतिथि मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar