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बारिश में धरे रह गए निगम के दावे, जलभराव से जनता की बढ़ी दिक्कत
गुरुग्राम, 10 जुलाई (हि.स.)। साइबर सिटी ग्रुरुग्राम में आखिरकार वो ही हुआ जिसका डर था। नगर निगम के बरसात में जल्दी पानी निकासी के दावे धरे रह गए। मानसून की पहली ढंग की बरसात में गुरुग्राम डूब गया। भले ही निगम पानी निकासी के दावे करता हो, लेकिन गुरुग्राम पानी पानी ही है।
बुधवार की शाम से शुरू हुई बरसात देर रात तक चली। रात नौ बजे तक शहर पानी पानी हो चुका था। चारों तरफ पानी ही पानी था। इसी पानी के बीच वाहनों का लंबा जाम लग गया। गुरुग्राम से बाहर सोसायटी या गांवों की तरफ जाने के लिए कही से रास्ते नहीं थे। पानी इतना ज्यादा भर गया कि दुपहिया वाहनों के साथ कारें भी पानी में डूबने से बंद हो गई। लोगों की परेशानी और बढ़ गई। चाहकर भी लोग कुछ नहीं कर पा रहे थे। जलभराव की बात करें तो सिद्धेश्वर मंदिर।
चौक, रेलवे रोड, शिवाजी नगर, बसई रोड पर अर्जुन नगर वाली शिव मूर्ति चौक से लेकर पटौदी चौक, इससे आगे शनि मंदिर चौक से लेकर सकता नौ नागरिक अस्पताल तक, आगे बसई चौक से बसई पुराने फ्लाईओवर तक, सेक्टर नौ वाली रोड, सेक्टर 10 के भीतर, सेक्टर 10 से हीरो होंडा चौक, नेशन हाइवे 48 पर हीरो होंडा चौक से नरसिंहपुर तक, रेलवे स्टेशन से भीमगढ़ खेड़ी, कोसको फुटबॉल फैक्ट्री के सामने, छोटी पंचायत धर्मशाला रोड, राजेंद्रा फ्लाईओवर से द्वारका एक्सप्रेस से कनेक्टिविटी सहित अनेक स्थानों पर जलभराव हो गया।
सड़कों के गड्ढों ने भी रुलाया
शहर की सड़कों में बने गड्ढों ने भी वाहन चालकों को खूब रुलाया। टूटी सड़के और गड्ढे पानी ।इ कही नजर नहीं आते। ऐसे में कई जगह पर दुपहिया वाहन चालकों गड्ढों में गिरकर चोटिल हुए। इसकी जवाबदेही तय होनी ही चाहिए कि बारिश से पहले सड़कों के गड्ढे क्यों नहीं भरे गए। कुछ जगह पर ऐसा किया जरूर गया, लेकिन हल्की बारिश में घटिया सामग्री से पैच वर्क उखड़ गए और गड्ढे बन गए। कई जगह तो ऐसी है जहां कई साल से गड्ढे है, लेकिन नगर निगम ने उन गड्ढों को भरने की कभी जहमत नहीं उठाई।
शहर में कई सड़कों पर गड्ढों में लोगों को चोटिल होने के लिए छोड़ दिया गया है। सिद्धेश्वर चौक, सोहना अड्डा, अर्जुन नगर, पुराना और नया रेलवे रोड, शिवाजी नगर, घंटेश्वर मंदिर चौक, पटौदी चौक से कादीपुर चौक तक, चार आठ मरला, मदनपुरी समेत अनेक ऐसे स्थान है जहां पर कई कई साल से गड्ढे है, लेकिन नगर निगम ने इनको भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
रोड टैक्स, हाउस टैक्स समेत कई टैक्स जनता देती है, मगर उस टैक्स के पैसे से सुविधाएं नहीं दी जा रहीं। नगर निगम की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठा रहें है कि आखिर बड़े बड़े दावे किसलिए करते है जब काम करना ही नहीं होता। शहर की बदली को देखकर लगता है कि नगर निगम कुछ काम नहीं कर रहा। नालों की सफाई तक पूरी नहीं की गई। कई जगह नालों के कनेक्शन ही नहीं है। संबंधित विभागों की इस पर जवाबदेही होनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर