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- आंगनबाड़ी कर्मियों और गांव प्रधानों के मानदेय में वृद्धि
गुवाहाटी, 10 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में 10 जुलाई को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के फैसले के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। प्रमुख फैसलों में -
'गज मित्र योजना' को मंजूरी
राज्य के आठ सबसे अधिक मानव-हाथी संघर्ष प्रभावित जिलों—ग्वालपाड़ा, उदालगुरी, नगांव, बाक्सा, शोणितपुर, गोलाघाट, जोरहाट और बिस्वनाथ—में 'गज मित्र योजना' लागू की जाएगी। इसके तहत स्थानीय समुदाय के आठ सदस्यों वाली स्वैच्छिक निगरानी एवं त्वरित प्रतिक्रिया टीमों का गठन किया जाएगा। ये टीमें धान की खेती के दौरान छह माह के संघर्ष काल में कार्य करेंगी और वन विभाग को सहयोग प्रदान करेंगी।
गांव प्रधानों का मानदेय बढ़ा
राज्य मंत्रिमंडल ने गांव प्रधानों का मासिक मानदेय नौ हजार रुपये से बढ़ाकर 14 हजार करने को स्वीकृति दी है। यह वृद्धि 1 अक्टूबर से प्रभावी होगी। यह लाभ वन गांवों के गांव प्रधानों को भी मिलेगा।
सत्रों में रहने वाले उदासीन भकतों को आर्थिक सहायता
राज्य के सत्रों में निवास कर रहे पात्र अविवाहित भकतों (उदासीन भकत) को 1,500 रुपये मासिक वजीफा देने का निर्णय लिया गया है।
दबावयुक्त चिकित्सा प्रथाओं पर रोक
निजी नर्सिंग होम/अस्पतालों की जबरन वसूली रोकने हेतु एसओपी और नियामक दिशानिर्देश स्वीकृत किए गए।
जिसके मुख्य बिंदु हैं -
मृत्यु उपरांत 2 घंटे के भीतर शव सौंपना अनिवार्य, शिकायत हेतु 24x7 हेल्पलाइन नंबर 104, दोषी अस्पतालों पर पांच लाख रुपये जुर्माना, लाइसेंस निलंबन/काली सूचीबद्धता या स्थायी डीलिस्टिंग की कार्रवाई
रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का नाम बदला
'रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय' का नाम बदलकर 'रवींद्रनाथ ठाकुर विश्वविद्यालय' किया गया।
‘प्रेरणा आसनी’ योजना को मंजूरी
राज्य बोर्ड (एएसएसईबी डिवीजन-I) से संबद्ध सभी विद्यालयों के कक्षा 10 के छात्रों को एचएसएलसी परीक्षा तक तीन सौ रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जाएगी। राशि डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय बढ़ा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक मानदेय 6,500 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये तथा सहायिकाओं का 3,250 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये किया गया। यह वृद्धि 1 अक्टूबर, 2025 से लागू होगी।
घंटियों के कारीगरों के लिए एसजीएसटी वापसी योजना
‘असम वस्तु एवं सेवा कर (स्वदेशी कांस्य उद्योग के लिए एसजीएसटी प्रतिपूर्ति योजना), 2025’ को मंजूरी दी गई। इससे पारंपरिक कांस्य कारीगरों को राहत मिलेगी।
दो गांवों को अनुसूचित क्षेत्र से बाहर किया गया
लखीमपुर जिले के सुबनसिरी राजस्व सर्कल के मोरनोई बेबेजिया और बेबेजिया गांवों को अनुसूचित जनजातीय ब्लॉक से डिनोटिफाई किया गया है, क्योंकि वहां संरक्षित जनसंख्या 5 फीसदी से कम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश