नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सश्रम कारावास और 50 हजार का अर्थदंड की सजा
अररिया, 10 जुलाई(हि.स.)। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोस्को कोर्ट अजय कुमार की अदालत ने नाबालिग को बहला फुसला कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले दोषी को 20 साल की सश्रम कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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अररिया, 10 जुलाई(हि.स.)।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोस्को कोर्ट अजय कुमार की अदालत ने नाबालिग को बहला फुसला कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले दोषी को 20 साल की सश्रम कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

न्यायालय ने दोषी को भादवि की धारा 341, 342, 376(3), 504 के अंतर्गत दोषी करार दिया और इन धाराओं में सजा मुक्करर किया। न्यायालय ने धारा 341 के अंतर्गत एक माह 500 सौ रुपए, 342 में छह महीने एक हजार रुपए, 376(3) में बीस साल सश्रम कारावास के साथ साथ 50 हजार रुपए जुर्माना, 506 में एक वर्ष और एक हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।

सजा पाने वाला दोषी जोकीहाट के सिकटिया वार्ड संख्या 4 के रहने वाले 52 वर्षीय शोएब उर्फ शोएब अख्तर पिता - स्व. मो. ताजीमउद्दीन है। न्यायालय ने विक्टिम कंपनसेशन एक्ट के अंतर्गत पीड़िता के पक्ष में पांच लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश अपने निर्णय में दिया। जिसमें दो लाख रुपए पीड़िता के पक्ष में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा दिया जा चुका है और शेष तीन लाख रुपए नाबालिग के वयस्क होने पर दी जाएगी ।

न्यायालय ने विशेष पोस्को वाद संख्या 09/2022 में सजा सुनाई, जो कि अररिया महिला थाना कांड संख्या 15/2022 से संबंधित है और इसके सूचक पीड़िता के पिता हैं ।

दर्ज कराई गई प्राथिमिकी में सूचक ने बताया था कि वह दिल्ली में रहकर मजदूरी का काम करता है और घटना तिथि 28 फरबरी 2022 को को दिन के 1 बजकर 30 मिनट में जब उनकी नाबालिग लड़की 14 वर्षीय स्कूल से एक अन्य ग्रामीण आठ वर्षीय स्कूल की छात्रा के साथ वापस घर लौट रही थी तो दोषी दवा दुकानदार शोएब उसे अपने दुकान के अंदर बुलाया और दुकान का शटर बंद कर जान का भय दिखाते हुए जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था।फिर रोने और छटपटाने पर सौ रुपये देकर कहा कि किसी से कुछ नहीं कहना।

पीड़िता के साथ वाली लड़की को भी प्रलोभन दिया गया।जब नाबालिग पीड़िता की हालत खराब हो गई और सलवार खून से लथपथ हो गया तो वह अपने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी। तब उसके पिता उसे सरपंच के पास ले गए।जहां मामले को लेके पंचायत भी हुई, परंतु दोषी मौके से गायब हो गया ।

सजा की बिंदु पर अधिवक्ता कश्यप कौशल और सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पोस्को अधिनियम श्याम लाल यादव ने न्यायालय के समक्ष अपनी अपनी दलीले रखी। दोनों ही पक्षो को सुनने के बाद न्यायालय ने जानबूझकर कर जघन्य किए गए अपराध का दोषी करार देते हुए 20 साल की सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई ।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर