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श्रीहरिनाम संकीर्तन सभा ने सुन्दंरकांड का पाठ कर हवन एवं आरती कर किया भण्डारा
अनूपपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। जिले के विभिन्न स्थानों पर झमाझम बारिश के बीच गुरु-शिष्य परंपरा की प्राचीन संस्कृति को सजीव करती गुरु पूर्णिमा पर गुरुवार को गुरुजनों की पूजा करते हुए शिष्यों ने उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। पवित्र नगरी अमरकंटक में गुरुजनों से आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की कतार लगी रही। जहां गुरु पूजन करते हुए उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ ही नर्मदा मंदिर पहुंचकर मां नर्मदा का दर्शन किया। गुरु पूर्णिमा पर्व पर पुलिस व जिला प्रशासन भी चाक चौबंद नजर आई।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र नगरी अमरकंटक के शांति कुटी, कल्याण आश्रम, मृत्युंजय आश्रम, मार्कंडेय आश्रम, धारकुंडी आश्रम, गीता स्वाध्याय आश्रम, खैरहा बाबा आश्रम में सुबह से ही गुरुजनों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग पहुंचने लगे। जहां विधि विधान से गुरु पूजन का कार्यक्रम किया गया। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरुपूर्णिमा मनाई जाती है। सनातन धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ दर्जा प्राप्त है क्योंकि गुरु ही भगवान के बारे में बताते है और इनके बिना ब्रह्मज्ञान व मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही बेदो के रचयिता महर्षि वेदव्यासजी का जन्म हुआ था। सबसे पहले वेदों की शिक्षा महर्षि वेदव्यास ने ही दी थी इसलिए हिंदू धर्म में प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है।
गुरु पूर्णिमा पर्व पर मां नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में भक्त, श्रद्धालुजनों ने नर्मदा कुंड में स्नान कर मंदिर दर्शन, पूजन किए। जहां आश्रमों में गुरु पूजन कर भंडारा का प्रसाद लिया। कल्याण सेवा आश्रम के संत परम तपस्वी वीतराग बाबा कल्याण दास जी महाराज, शांति कुटी आश्रम के संत महामंडलेश्वर स्वामी रामभूषण दास जी महाराज, परमहंस धारकुंडी आश्रम के संत स्वामी लवलीन महाराज, चक्रतीर्थ के संत सीताराम जु महाराज, मारकंडे आश्रम के आचार्य महामंडलेश्वर ब्रम्हर्षि रामकृष्णा नंद जी महाराज, बर्फानी आश्रम के संत महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास जी महाराज सहित आदि संतो के आश्रमों में शिष्यों ने गुरुपूजन किया।
जिला मुख्यागलय अनूपपुर में गुरु पूर्णिमा महोत्समव पर श्री रातजानकी मंदिर में श्रीहरिनाम संकीर्तन सभा द्वारा प्रात: सुन्दजरकांड का पाठ कर हवन एवं आरती कर प्रसाद वितरण एवं भण्डांरा किया गया।
देर शाम तक गुरुओं का आशीर्वाद लेने लगी रहीं कतार
धार्मिक दृष्टि से अमरकंटक का अलग ही महत्व है तथा यहां दूर-दूर से लोग पूजा अर्चना के साथ गुरुजनों का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं। जिसके कारण सुबह से देर शाम तक गुरुजनों का आशीर्वाद लेने के लिए लोगों की कतार आश्रमों में बनी रही। जहां सुबह से ही थाल सजाकर उसमें पुष्प बेलपत्र दीपक सहित साल तथा श्रीफल एवं दक्षिणा रख लोग पहुंचे। जिनके द्वारा गुरु के चरण धोकर अक्षत चंदन तथा उस पर और फल अर्पित करते हुए दीपक से गुरुआरती उतारकर साल श्रीफल तथा दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। अमरकंटक में प्रति वर्ष गुरु पूर्णिमा के मौके पर आश्रमों में मेला उत्सव सा माहौल बन जाता है, जहां हर कोई गुरु के चरण में वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त करने आतुर रहते हैं। वहीं गुरु भी अपने शिष्यों से भेंट कर हर्षित हो जाते हैं। गुरुओं ने भी शिष्यों से मिलकर हर्ष प्रकट किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें धर्म, सेवा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। यह अवसर गुरु-शिष्य संबंधों को मजबूत करने वाला, आत्मिक ऊर्जा से भर देने वाला और भारतीय संस्कृति की जड़ों को पुनः याद दिलाने वाला बन गया।
इस अवसर पर अमरकंटक में मेले जैसा माहौल रहा। आश्रमों के आस-पास श्रद्धालुओं की चहल-पहल, प्रसाद वितरण, भजन-कीर्तन और धार्मिक प्रवचनों ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया। कई स्थानों पर भंडारे का आयोजन भी किया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
पुलिस अधीक्षक मोतीउर रहमान ने बताया कि अमरकंटक में गुरु पूर्णिमा पर्व पर भीड़ को देखते हुए अतरिक्त 30 बलों की तैनाती की गई, इसके साथ ही जिला होमगार्ड कमांडेंट की सेवायें भी ली गई हैं। पुष्पराजगढ़ एसडीओपी नवीन तिवारी के साथ आसपास के थानो के बल को भी सुरक्षा के लिए लगाया गया हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला