बाबा प्रियदर्शी राम ने मानव जाति को जीवन में वास्तविक लक्ष्य हासिल करने का सहज मार्ग बताया-मुख्यमंत्री साय
रायगढ़, 10 जुलाई (हि.स.)।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम बनोरा स्थित अघोर गुरु पीठ में गुरु दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने गुरु पीठ आश्रम के उपासना स्थल पर अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम की प्रतिमा के दर्
अघोर गुरु प्रियदर्शी राम


मुख्यमंत्री बाबा प्रियदर्शी राम का सम्मान करते हुए


रायगढ़, 10 जुलाई (हि.स.)।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम बनोरा स्थित अघोर गुरु पीठ में गुरु दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने गुरु पीठ आश्रम के उपासना स्थल पर अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम की प्रतिमा के दर्शन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने आश्रम में अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम के प्रिय शिष्य प्रियदर्शी भगवान राम के दर्शन भी किए और मार्गदर्शन प्राप्त किया । इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, लोक सभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह , विधायक पुरंदर मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा प्रियदर्शी राम ने मानव जाति को जीवन में वास्तविक लक्ष्य हासिल करने का सहज मार्ग बताया।

आज आषाढ़ माह की पूर्णिमा के साथ साथ महर्षि वेद व्यास की जयंती भी है। आज के दिन विशेषकर शिष्य सनातनी परपंरा का निर्वहन करते हुए गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आश्रम की सभी शाखाएं प्रियदर्शी राम जी द्वारा स्थापित पीड़ित मानव की सेवा के धर्म का निर्वहन कर रही है।अंधकार मय समाज को प्रकाश मय बनाने के दिशा में पूज्य बाबा के सार्थक प्रयास मानव जाति के लिए अनमोल धरोहर है। बाबा प्रियदर्शी राम जी की प्रेरणा से अघोर पंथ के मार्ग के चलने वाले पथिक अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य को हासिल करने सफल हुए हैं।

बाबा प्रियदर्शी राम ने मानव जाति को जीवन में वास्तविक लक्ष्य हासिल करने का सहज मार्ग बताया। ताकि मनुष्य के जीवन में भटकाव ना हो। उन्होंने बताया कि सुख दुख केवल मन की अवस्था है और साधनों पर निर्भरता दुखो का कारण बन जाती है। हर मनुष्य के अंदर असीमित शक्तियां मौजूद है लेकिन वह इससे अनजान रहता है। बाबा प्रियदर्शी राम मनुष्य को उनकी ही अन्त: शक्ति से ही ना केवल परिचित कराया बल्कि उसे जागृत एवं विकसित करने का हर संभव उपाय भी बताया। स्कूली शिक्षा के साथ साथ व्यावहारिक ज्ञान को आवश्यक बताते हुए पूज्य पाद ने कहा अधिक धन संपति जुटाने वाले साधक ही समाज में सफल माने जाए यह आवश्यक नही है। अपितु पीड़ित मानव की सेवा करने वाले व्यक्ति जीवन मे सही मायने में संतुष्ट के साथ साथ सफल माने जाते है।

बनोरा की इस अध्यात्मिक पाठशाला ने समाज को ऊंचाई हासिल करने के साथ ऊंचाई में बने रहने का मार्ग भी बताया है। बनोरा आश्रम की मानव सेवी गतिविधियां अंतिम पंक्ति में खड़े साधन विहीन लोगों के जीवन के मूलभूत आवश्यकता शिक्षा चिकित्सा मुहैया करा रही है। अघोर गुरु पीठ बनोरा के पीठाधीश्वर प्रियदर्शी बाबा राम पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी के सूक्ष्म स्वरुप की अनुपम धरोहर ही है। बनोरा की यह पावन स्थली ज्ञान प्रेम संस्कार की त्रिवेणी बन चुकी जहां से देश भर अघोर पंथ से जुड़े साधक जीवन से जुड़े रहस्यमयी जिज्ञासाओं को आसानी से समझ रहे है।

हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान