रोड नहीं तो वोट नहीं, पंचाचत चुनाव का ग्रामीणों ने किया बहिष्कार
प्रदर्शन करते सौलिया व तल्ला कूंण के ग्रामीण।


नैनीताल, 1 जुलाई (हि.स.)। शायद इसे ही दीपक तले अंधेरा कहते हैं। जिला व मंडल मुख्यालय और राज्य की न्यायिक राजधानी व पर्यटन नगरी नैनीताल के निकट के गांवों की ढांचागत सुविधाओं के मामले में हालत बहुत बुरी है। स्थिति ऐसी है कि मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम सभा बेलुवाखान के तोक सौलिया व तल्ला कूंण के ग्रामीण आज भी उनके क्षेत्र को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क से वंचित हैं और अब उन्होंने इस मांग के लिए पंचायत चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह वर्षों से संबंधित अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक यह मांग उठाते रहे हैं, किंतु अब तक शासन-प्रशासन ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें सड़क के अभाव में रोजमर्रा के कार्यों के लिए 4 किलोमीटर लंबा पथरीला व उबड़-खाबड़ रास्ता पैदल तय करना पड़ता है। उनका कहना है कि अगर अब भी उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे इस बार ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के नारे के साथ पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

दैवीय आपदा पर सुनवाई न होने से भी परेशान

ग्रामीणों के अनुसार वह दैवीय आपदा के मामलों में भी सुनवाई न होने से व्यथित हैं। वर्ष 2021 में हुई अतिवृष्टि से क्षेत्र में सिंचाई की नहर बहने सहित काफी क्षति हुई थी। इस दौरान सौलिया गांव के छह मकान भी आपदा की चपेट में आ गए थे। तीन परिवार अब भी सीधे खतरे की जद में हैं। आपदा के बाद कई बार प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपे गए, लेकिन कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि चुनावों से पूर्व गांव की समस्याओं को प्रमुखता से उठाने का वादा करते हैं, किंतु चुनाव जीतने के बाद उन्हें गांव की सुध नहीं रहती।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी