तेजी से बीमार हो रही युवा पीढ़ी देश के भविष्य के लिए खतरा: डॉ. के.पी. जोशी
डा केपी जोशी


देहरादून, 8 जून (हि.स.)। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. के.पी. जोशी ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी, जिसे राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है, अब तेजी से बीमार होती जा रही है। 18 से 35 वर्ष के युवा बड़ी संख्या में थकान, मोटापा, हार्ट अटैक, डायबिटीज और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित होकर अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

वरिष्ठ फिजिशियन डा. केपी जोशी ने रविवार काे प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में यह कहा। उन्होंने इस स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि यह सिर्फ स्वास्थ्य नहीं, बल्कि देश के भविष्य पर भी सीधा खतरा है। स्वस्थ युवा ही स्वस्थ भारत की नींव हैं। बीमार होती युवा पीढ़ी सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय संकट है। समय रहते चेतना ही इसका सबसे बड़ा इलाज है।

युवाओं की सेहत गिर रही, आंकड़े चिंताजनक

डा. जोशी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में युवाओं में मेटाबोलिक सिंड्रोम, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और किडनी से जुड़ी समस्याएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं। छोटे-छोटे काम करने में थकावट, बार-बार बीमार पड़ना और मानसिक तनाव अब आम शिकायतें बन चुकी हैं। ऐसा नहीं है कि ये बीमारियां अचानक आई हैं, बल्कि यह हमारी दिनचर्या और खानपान की बिगड़ी हुई दशा का परिणाम हैं।

इसके लिए उन्होंने निम्न कारण गिनाए:

अस्वस्थ खानपान – जंक फूड, तली चीजें, कोल्ड ड्रिंक का बढ़ता चलन

व्यायाम की कमी – मोबाइल और लैपटॉप पर घंटों समय बिताना

नींद की अनदेखी – देर रात तक जागना और नींद पूरी न करना

नशे की लत – सिगरेट, शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन

तनाव और प्रतिस्पर्धा – करियर और पढ़ाई का दबाव

मिलावटी और रसायनयुक्त भोजन – शरीर के अंगों पर पड़ रहा गहरा असर

ऑक्सीडेन्ट – भोजन में छिपा धीमा ज़हर

डा. जोशी ने बताया कि आज का भोजन स्वाद में भले बेहतर हो, लेकिन उसमें मौजूद रसायन शरीर के पाचन तंत्र, लीवर और हार्मोन सिस्टम को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमारे भोजन में आज जो केमिकल आ गए हैं, वे सीधे हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला कर रहे हैं।

डॉ. जोशी की अपील: जीवनशैली में करें बदलाव

डा. जोशी ने कहा कि अब समय आ गया है कि युवा खुद को जागरूक करें। सरकार, स्कूल-कॉलेज और परिवार को भी मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिए कि युवाओं को अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए, व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और डिजिटल डिटॉक्स की ओर बढ़ना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम अभी नहीं जागे तो आने वाले समय में हालात और भी खराब हो सकते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal