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पूर्वी सिंहभूम, 8 जून (हि.स.)। एमजीएम थाना क्षेत्र के बड़ाबांकी ग्राम पंचायत में नशे के बढ़ते प्रकोप के खिलाफ स्थानीय लोगों ने कमर कस ली है। गांव के पंचायत मुखिया राकेश चंद्र मुर्मू के नेतृत्व में पूरे पंचायत क्षेत्र में नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में महिलाओं की भागीदारी भी काफी उत्साहजनक है।
मुखिया राकेश मुर्मू ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सिर्फ नशे से मुक्ति ही नहीं, बल्कि गांव को एक स्वस्थ, जागरूक और उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाना है। उन्होंने बताया कि गांव के युवा, महिलाएं और बुजुर्ग इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और नशे के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं।
मुखिया ने कहा, “आज जिस तरह से अधिकांश युवा नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं, वैसे में नशा मुक्ति अभियान चलाना बेहद जरूरी है। हमें अपने गांव को नशे के अंधकार से बाहर निकालकर एक नई दिशा देनी है। इस अभियान से युवाओं को सीख लेने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि एमजीएम थाना क्षेत्र अवैध शराब निर्माण और बिक्री के लिए कुख्यात रहा है। यहां जगह-जगह पर देसी शराब की अवैध भट्टियां चलती रहती हैं। पुलिस और आबकारी विभाग की ओर से कई बार छापेमारी अभियान चलाया गया, लेकिन अवैध शराब माफिया बार-बार सक्रिय हो जाते हैं। इसी कारण स्थानीय लोग आए दिन विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतर आते हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि नशे के कारण गांव में अपराध, हिंसा और घरेलू कलह जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। कई घरों में महिलाएं और बच्चे पीड़ित हैं। ऐसे में नशा मुक्ति अभियान ने गांव के लोगों को एक नई उम्मीद दी है।
पंचायत की महिलाएं भी गांव-गांव जाकर लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक कर रही हैं और सभी से अपील कर रही हैं कि वे इस बुरी लत को छोड़कर एक स्वस्थ समाज के निर्माण में सहयोग दें। पंचायत स्तर पर जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक और सामूहिक शपथ जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग ने भी नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत को हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से भी अपील की है कि वे इस अभियान को और मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक