अभिषेक बनर्जी की 'देश पहले' वाली अपील को लेकर मैदान में उतरी टीएमसीपी, पूर्व मेदिनीपुर में तेज़ हुआ जनसंपर्क अभियान
अभिषेक बनर्जी


कोलकाता, 07 जून (हि.स.) ।

तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने पूर्व मेदिनीपुर ज़िले में जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की प्रेरणा बना है पार्टी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी का वह भाषण, जो उन्होंने हाल ही में इंडोनेशिया के जकार्ता में दिया था। भाषण में अभिषेक ने कहा था, मैं विपक्षी सांसद हूं, लेकिन देश की सुरक्षा के सवाल पर पार्टी से ऊपर देश है।

टीएमसीपी ने इस संदेश को केंद्र में रखकर कॉलेजों, चाय की दुकानों, बाज़ारों, कोचिंग सेंटरों और सोशल मीडिया के ज़रिए प्रचार शुरू किया है। संगठन का दावा है कि इस अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि इसमें पार्टी का झंडा या बैनर नहीं इस्तेमाल किया जा रहा।

छात्र परिषद के एक सदस्य ने बताया, “कुछ लोग तृणमूल के विरोधी हो सकते हैं, लेकिन जब बात देशभक्ति की आती है, तो वे अभिषेक बनर्जी के इस बयान को नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रहे। इसी से नए छात्र-युवाओं को जोड़ने में मदद मिल रही है।”

टीएमसीपी के पूर्व राज्य समिति सदस्य आबेद अली खान और जिले के वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर इस अभियान की योजना बनाई थी। 27 मई को तृणमूल के तमलुक संगठन ज़िले के अध्यक्ष सुजीत कुमार राय और ज़िला परिषद के सभाधिपति उत्तम बारिक की बैठक में इस रणनीति को मंजूरी मिली थी। इसके बाद जिले के 24 कॉलेजों के छात्रों को व्हाट्सऐप के माध्यम से संदेश भेजे जा रहे हैं।

अभियान के दौरान प्रचारित किए जा रहे संदेशों में कहा गया है, “अभिषेक बनर्जी ने आतंकवाद के खिलाफ विदेश में भारत का पक्ष मजबूती से रखा। वे पार्टी से ऊपर देश को रखने की बात कर रहे हैं। ऐसे देशप्रेम की आज ज़रूरत है।”

महिषादल, निमतौड़ी और कांथी जैसे इलाकों में भी प्रचार जोरों पर है। छात्र नेता कॉलेजों के प्रोफेसरों से मिलकर आतंकवाद पर अभिषेक बनर्जी के विचारों पर चर्चा कर रहे हैं। टीएमसीपी के तमलुक ज़िले के सह-अध्यक्ष अतनु सामंत ने शनिवार को कहा, “हमारे नेता ने देश को प्राथमिकता देने की बात कही है। यही भावना लोगों तक पहुंचाने के लिए हम काम कर रहे हैं।”

हालांकि विपक्षी छात्र संगठनों ने इस अभियान को लेकर आलोचना की है। एबीवीपी के पूर्व मेदिनीपुर ज़िला सह-प्रमुख दिव्येंदु सामंत ने कहा, “अभिषेक बनर्जी यह सब युवाओं को लुभाने के लिए कर रहे हैं, जबकि उनकी पार्टी बंगाल में खुद हिंसा को बढ़ावा देती है।”

एसएफआई के ज़िला सचिव जाकिर हुसैन मल्लिक ने अभियान को “हास्यास्पद” करार देते हुए कहा, “अभिषेक बनर्जी की पार्टी ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। उच्च माध्यमिक के नतीजे आए महीनों हो गए, लेकिन अब तक कॉलेजों में दाखिले शुरू नहीं हुए। इस नकली देशभक्ति से कोई असर नहीं पड़ेगा।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस 2026 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अब ‘देशभक्ति’ को अपना नया हथियार बना रही है, ताकि युवाओं के बीच फिर से पैठ बनाई जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर