मंदसौर में है लक्ष्मण मंदिर, लेकिन आनेजाने का मार्ग नहीं होने से भक्तों को करना पड़ता है परेशानियों का सामना
मंदसौर में है लक्ष्मण मंदिर, लेकिन आनेजाने का मार्ग नहीं होने से भक्तों को करना पड़ता  है परेशानियों का सामना


मन्दसौर, 7 जून (हि.स.)। देश भर में भगवान श्री राम के तो कई मंदिर है, मंदसौर नगर में भी श्रीराम के बहुत मंदिर है लेकिन मंदसौर में श्रीराम के प्रिय अनुज श्री लक्ष्मण का भी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक ऐतिहासिक एवं दुर्लभ मंदिर लगभग 500 वर्ष प्राचीन नेहरू बस स्टैंड के पास सनातन धर्म का दिव्य मंदिर है जिसको भक्तजन भगवान लक्ष्मणसा मंदिर के नाम से भी जानते हैं, जहां निर्जला एकादशी को भक्तजन विशेष रुप से दर्शन करते हैं।

नगर के कई भक्तों को लक्ष्मण सा मंदिर के बारे में जानकारी नहीं है इस मंदिर का जो प्राचीन मार्ग था जिससे मंदसौर किले से सीधे लक्ष्मण दरवाजे से दर्शन करने के लिए आते थे वह जमीन विक्रय हो गई और मार्ग अवरुद्ध हो गया। भक्तजन वर्तमान में जब दर्शन करने के लिए जाते हैं तो उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अत्यंत दुर्लभ है मंदिर

भगवान श्री लक्ष्मण का यह मंदिर बेहद दुर्लभ है। मंदसौर कलेक्टर रहे मनोज पुष्प के समय इस मंदिर के उत्थान के लिए योजना भी बनी थी लेकिन उनके जाने के बाद मंदिर जिर्णोद्धार की योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।

प्राचीन शैली में किले के आकार का मंदिर है

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ रविन्द्र पाण्डेय ने बताया कि मंदसौर नगर के सामाजिक व धार्मिक महानुभावों से व प्रशासन से आव्हान किया है मंदिर की सुध लेना चाहिए क्योंकि यह ऐतिहासिक महत्व का बहुत ही अद्भूत और दुर्लभ मंदिर है। प्राचीन शैली में किले के आकार का बहुत ही अद्भुत होकर दर्शनीय मंदिर है जिसके प्रचार-प्रसार की भी आवश्यकता है । आपने कहा कि एकादशी को जब भक्त जन दर्शन करने के लिए जा रहे थे तो मार्ग ढूंढने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड रहा था । श्री पाण्डेय ने कहा कि माताएं बहने अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं और मनोकामना पूर्ण होती है ऐसा यह दुर्लभ मंदिर है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया